सीतापुर में रहस्यमयी बुखार का कहर जारी, गांव से पलायन को मजबूर हुए ग्रामीण
नटवलग्रंट गांव के लोग दहशत में आकर दूसरे इलाकों में पलायन कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पीड़ितों की लगातार मौत हो रही है, लेकिन पीड़ितों का हाल-चाल पूछने वाला कोई अभी तक नहीं पहुंचा है, जिससे उन्हें गांव छोड़ना ही बेहतर लग रहा है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: September 17, 2018, 9:31 PM IST
सीतापुर जिले में रहस्यमयी बुखार के कहर के चलते लोग अब दूसरे इलाकों में पलायन को मजबूर हो रहे हैं. पिछले एक माह से जारी रहस्यमयी बुखार अब जानलेवा साबित हो रहा है. बताया जाता है कि अब तक 29 पीड़ितों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग अभी पीड़ित हैं. यही कारण है कि खौफजदा लोगों ने अब गांव छोड़ने का फैसला किया है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के गोंदलामऊ ब्लॉक में पिछले एक माह से रहस्यमयी बुखार महामारी की तरह फैला हुआ है, लेकिन सूबे का स्वास्थ्य महकमा हाथ पर हाथ रखे बैठा रहा. बताया जाता है कि नटवलग्रंट गांव के लोग दहशत में आकर दूसरे इलाकों में पलायन कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पीड़ितों की लगातार मौत हो रही है, लेकिन पीड़ितों का हाल-चाल पूछने के लिए अभी तक कोई नहीं पहुंचा है, जिससे उन्हें गांव छोड़ना ही बेहतर लग रहा है.
यह भी पढ़ें-सीतापुरः गाजे-बाजे के साथ प्रेमी युगल को थाने में पढ़वाया गया निकाहहालांकि ग्रामीणों के पलायन का फैसला सुनते ही जिले के आलाधिकारियों का गांव पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है और एसडीएम और तहसीलदार द्वारा समझाने-बुझाने के बाद ग्रामीणों ने फिलहाल गांव से पलायन का फैसला टाल दिया है. ग्रामीणों ने स्वास्थ्य महकमे की शिकायत करते हुए बताया कि गांव में इलाज से लेकर साफ-सफाई के काम में घोर लापरवाही बरती गई, जिससे नाराज होकर लोगों सरकारी दवा का भी बहिष्कार कर दिया है.
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बड़ा सवाल यह है कि पिछले एक महीने से रहस्यमयी बुखार के संक्रमण से बचाव में स्वास्थ्य महकमे द्वारा लापरवाही क्यों बरती गई जबकि अब तक कुल 29 लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरा सवाल यह कि गांव में बुखार के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्या इंतजाम किया गया है, क्योंकि संक्रमण घटने के बजाय लगातार बढ़ रहा है.
रिपोर्ट-हिमांशु, लखनऊ)
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रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के गोंदलामऊ ब्लॉक में पिछले एक माह से रहस्यमयी बुखार महामारी की तरह फैला हुआ है, लेकिन सूबे का स्वास्थ्य महकमा हाथ पर हाथ रखे बैठा रहा. बताया जाता है कि नटवलग्रंट गांव के लोग दहशत में आकर दूसरे इलाकों में पलायन कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पीड़ितों की लगातार मौत हो रही है, लेकिन पीड़ितों का हाल-चाल पूछने के लिए अभी तक कोई नहीं पहुंचा है, जिससे उन्हें गांव छोड़ना ही बेहतर लग रहा है.
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बड़ा सवाल यह है कि पिछले एक महीने से रहस्यमयी बुखार के संक्रमण से बचाव में स्वास्थ्य महकमे द्वारा लापरवाही क्यों बरती गई जबकि अब तक कुल 29 लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरा सवाल यह कि गांव में बुखार के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्या इंतजाम किया गया है, क्योंकि संक्रमण घटने के बजाय लगातार बढ़ रहा है.
रिपोर्ट-हिमांशु, लखनऊ)