फाइल फोटो
लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत 12 मई को यूपी की 14 सीटों पर मतदान जारी है. यूपी में में सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही लोकसभा सीट पर वोटिंग होगी. छठे चरण में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, संजय सिंह, जगदम्बिका पल जैसे दिग्गजों की किस्मत दांव पर है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इन 14 सीटों में से 13 पर जीत दर्ज की थी.
सुलतानपुर लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. बीजेपी ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ अमेठी के राजा डॉ संजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. गठबंधन की तरफ से बाहुबली चंद्रभद्र सिंह उर्फ़ सोनू की किस्मत भी दांव पर है. वैसे तो मुख्य मुकाबला गठबंधन और बीजेपी के बीच है, लेकिन कांग्रेस ने यहां अपनी ताकत झोंक कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय ही देखने को मिल रहा है. राजा भैया की जनसत्ता पार्टी के मैदान में होने से मुकाबला दिलचस्प बन गया है. बीजेपी ने अपना दल से विधायक संगमलाल गुप्ता को टिकट दिया है. कांग्रेस ने राजकुमारी रत्ना सिंह मैदान में हैं. सपा-बसपा गठबंधन की ओर बसपा ने अशोक कुमार त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार है. लेकिन लड़ाई में राजा भइया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह भी हैं.
फूलपुर लोकसभा सीट पर चार कोणीय दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है, जिसे कांग्रेस 25 वर्ष के बाद अपनी झोली में डालना चाहती है, बीजेपी दूसरी बार जीतना चाहती है, जबकि सपा वापस पाना चाहती है. देश के राजनीतिक नक्शे में खास जगह रखने वाले उत्तरप्रदेश की फूलपुर संसदीय सीट पर इस बार भी मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच है और चुनावी मैदान में कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही है.
कभी कांग्रेस का गढ़ रही इलाहाबाद संसदीय सीट अब बीजेपी के लिए नाक का सवाल बनी हुई है. यहां बीजेपी ने कभी कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रही रीता बहुगुणा जोशी को मैदान में उतारा है तो वहीं कभी बीजेपी का झंडा थामकर चुनाव लड़ने वाले योगेश शुक्ला को कांग्रेस ने टिकट दिया है. वहीं, गठबंधन की तरफ इस बार राजेंद्र पटेल दोनों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
अंबेडकर नगर संसदीय सीट को मायावती का गढ़ माना जाता है. मायावती ने अंबेडकर नगर संसदीय सीट से ही अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. यहीं से वो साल 1989 में चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं. अंबेडकर नगर से मायावती जीत की हैट्रिक 1998, 99 और 2004 में लगा चुकी हैं. मायावती के बाद इस क्षेत्र से बीएसपी के राकेश पांडेय दो बार सांसद रहे लेकिन साल 2014 में मोदी लहर में उनको बीजेपी के हरिओम पांडेय ने हरा दिया था. लेकिन इस बार बीजेपी ने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर यूपी सरकार में मंत्री रहे मुकुट बिहार वर्मा पर दांव खेला है. इस फैसले के पीछे कुर्मी वोटरों का गणित है. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और गठबंधन में ही है क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेद सिंह का नामांकन ख़ारिज हो चुका है.
श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं का रुझान जानना कठिन नहीं है, पर कांग्रेस अंतिम परिणाम के लिहाज से गुणा-भाग को थोड़ा मुश्किल बना रही है। यहां आमने-सामने की लड़ाई में भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन है। दोनों जहां अपने-अपने आधार वोट में मजबूती से लड़ रहे हैं, वहीं कुछ हद तक एक-दूसरे के आधार वोट में सेंध लगाने की कोशिश में भी हैं। भाजपा से मौजूदा सांसद दद्दन मिश्रा फिर से मैदान में है। गठबंधन से यह सीट बसपा के खाते में है। राम शिरोमणि वर्मा गठबंधन के प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने बलरामपुर सदर से विधायक रह चुके धीरेंद्र प्रताप सिंह पर दांव लगाया है.
डुमरियागंज लोकसभा सीट पर 2019 का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के डॉ चंद्रेश उपाध्याय के आ जाने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. गठबंधन के प्रत्याशी आफ़ताब आलम हैं. बीजेपी के जगदम्बिका पाल तीसरी बार संसद पहुंचने के लिए मैदान में हैं. कांग्रेस की वजह से इस सीट पर ध्रुवीकरण की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं.
बस्ती लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मोदी लहर में जीतकर संसद पहुंचे हरीश द्विवेदी पर फिर से भरोसा जताया है. यह सीट सपा-बसपा गठबंधन में बसपा के खाते में है. पिछले आम चुनाव में बसपा के कैंडिडेट राम प्रसाद चौधरी तीसरे स्थान पर थे. फिर से राम प्रसाद को सीट जीतने का मौका दिया गया है. कांग्रेस सपा के बागी राजकिशोर सिंह को मैदान में उतारा है. यहां त्रिकोणीय मुकाबला है.
पूर्वांचल की महत्वपूर्ण सीटों में से एक संत कबीरनगर में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय कहा जा सकता है. यहां किसी पार्टी के लिए मुकाबला सीधा नहीं रह गया है. जूतम-पैजार के बाद बीजेपी ने मौजूदा सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काट दिया और डैमेज कण्ट्रोल करते हुए प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा. गठबंधन की तरफ से ब्राम्हण प्रत्याशी मैदान में है. कांग्रेस ने पूर्व सपाई भालचंद्र यादव को टिकट दिया है.
आजमगढ़ जिले की लोकसभा सीट लालगंज के चुनावों में एक दिलचस्प बात है. 1962 से 2014 तक हुए 14 लोकसभा चुनावों में यहां से 10 बार ऐसे प्रत्याशी जीते जिनके नाम में राम लगा हुआ था. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में बीजेपी की नीलम सोनकर यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं. एक बार फिर नीलम सोनकर मैदान में हैं और उनका मुकाबला बसपा की सीमा आजाद से है.
इस बार आजमगढ़ संसदीय सीट जातीय समीकरण में उलझी हुई है. इसका कारण कोई और नहीं बल्कि बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' है. फिल्मों से राजनीति में एंट्री करते ही 'निरहुआ' ने अखिलेश के 'यादव फैक्टर' को गड़बड़ कर दिया है. जातीय समीकरण की गोटी सेट कर बीजेपी भी इस सीट पर एक बार अपनी परचम लहरा चुकी है. इस बार भी सपा-बसपा गठबंधन को यादव, मुस्लिम और दलित वोटरों का भरोसा है. वहीं बीजेपी परंपरागत मतों के साथ यादव और दलित वोटरों में सेंधमारी कर रही है.
जौनपुर लोकसभा सीट देश के राजनीतिक मिजाज के साथ यहां जाति का गणित ज्यादा महत्वपूर्ण रहता है. जातीय गणित में कई बार यहां स्थानीय मुद्दे भी गायब हो जाते हैं. इस बार यहां से बीजेपी ने सांसद केपी सिंह पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, कांग्रेस से देवव्रत मिश्र व सपा-बसपा गठबंधन से श्याम सिंह यादव ने ताल ठोंकी है. यह सीट गठबंधन में बसपा के खाते में है.
जौनपुर जिले की मछलीशहर संसदीय सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद है. इस सीट से बहुजन समाज पार्टी ने इंजीनियरटी राम को अपना प्रत्याशी बनाया है. उनका मुख्य मुकाबला बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बीपी सरोज से है. पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के आधार पर विश्लेषण करें, तो मछलीशहर सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी लगता है. लेकिन गठबंधन के बाद माहौल बदला है और गठबंधन प्रत्याशी कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
भदोही लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने आजमगढ़ से मौजूदा सांसद रमाकांत यादव को मैदान में उतारकर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है. बीजेपी ने यहां से रमेश बिंद को खड़ा किया है. बिंद बीएसपी के टिकट पर तीन बार मझवां से विधायक रहे हैं. बीजेपी ने एक तरह से पिछड़ा कार्ड खेला है. यहां से बीएसपी ने रंगनाथ मिश्रा को खड़ा किया है. कांग्रेस ने बाहुबली नेता रमाकांत यादव को टिकट दिया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Lok Sabha Election 2019, Lucknow news, Lucknow S24p35