अयोध्या फैसले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड की अहम बैठक 26 को, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी
सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) में 11 बजे से होने वाली बैठक में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर बोर्ड अपनी आगे की रणनिती पर गौर करेगा.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: November 25, 2019, 1:07 PM IST
लखनऊ. अयोध्या (Ayodhya) में 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से आए फैसले के बाद अयोध्या में माहौल शांत है. लेकिन फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) जहां पुनर्विचार याचिका (Review Petition) पर मन बना चुका है वहीं मुस्लिम पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) मंगलवार को होने वाली बैठक में आगे की रूपरेखा तय करेगा कि उसे करना क्या है?
26 नवंबर यानी मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक बड़ी महत्वपूर्ण हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड में 11 बजे से होने वाली बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोर्ड अपनी आगे की रणनिती पर गौर करेगा. कल बोर्ड ने अपने सभी आठों सदस्यों को लखनऊ बुलाया है. ये मीटिंग अपने आप में बड़ी खास है क्योंकि इसी मीटिंग के बाद ये तय होगा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या मसले में आगे क्या करेगा? इस बैठक में चार प्रमुख बातें हैं जिनपर बोर्ड में चर्चा की जाएगी.
पहला मुद्दा- पुनर्विचार याचिका पर होगा फैसला
इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड ये तय करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वो पुनर्विचार याचिका डालेगा या नहीं. हालांकि बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी पहले ही इस बात को कह चुके हैं कि वो कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब कोई भी रिव्यू पीटिशन नही डालेंगे.दूसरा मुद्दा- मस्जिद की जमीन ली जाए या नही
अपनी 26 नवंबर की बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड यह फैसला करेगा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मस्जिद के लिए जो उसे 5 एकड़ जमीन दी गई है वो उसे लेनी है या नही. हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पहले ही उस जमीन को लेने की बात कह चुके हैं.
तीसरा मुद्दा- 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बने या कुछ औरमीटिंग में इस बात की भी चर्चा होगी कि जो जमीन मिली है उस पर क्या निर्माण किया जाए. इस पर बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी कहतें हैं कि कई प्रपोजल आ रहें हैं कि वहां मस्जिद के साथ कोई इस्लामिक यूनिवर्सिटी या अस्पताल बना दिया जाए. लेकिन इस पर भी फैसला बोर्ड की मीटिंग में ही होना है.
चौथा मुद्दा- 75 साल बाद वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से हटेगा बाबरी मस्जिद का नाम
वक्फ बोर्ड की 26 नवंबर को होने वाली बैठक में 75 साल बाद वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से बाबरी मस्जिद का नाम हटाने पर भी मुहर लगने की संभावना है. सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेज रजिस्टर दफा 37 में एक लाख 23 हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं. सर्वे वक्फ कमिश्नर विभाग ने 75 साल पहले वर्ष 1944 में सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में बाबरी मस्जिद को दर्ज कराया था.. यह वक्फ नंबर 26 पर बाबरी मस्जिद अयोध्या जिला फैजाबाद नाम से दर्ज है. जिसे सुप्रीम कोर्ट के पैसले के बाद अब हटाया जाना है.
फैसला लेना आसान नहीं है
हालांकि जुफर फारुकी के लिए ये फैसले लेना इतना आसान नही होगा क्योंकि बोर्ड के दूसरे सदस्य चेयरमैन करे खिलाफ विरोध कर रहे हैं कि जब अभी बोर्ड की मीटिंग हुई नहीं तो चेयरमैन जुफर फारुकी कैसे रिव्यू पीटीशन दाखिल न करने या 5 एकड़ जमीन लेने या उसपर कुछ और निर्माण की कह सकतें हैं.
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26 नवंबर यानी मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक बड़ी महत्वपूर्ण हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड में 11 बजे से होने वाली बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोर्ड अपनी आगे की रणनिती पर गौर करेगा. कल बोर्ड ने अपने सभी आठों सदस्यों को लखनऊ बुलाया है. ये मीटिंग अपने आप में बड़ी खास है क्योंकि इसी मीटिंग के बाद ये तय होगा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या मसले में आगे क्या करेगा? इस बैठक में चार प्रमुख बातें हैं जिनपर बोर्ड में चर्चा की जाएगी.
पहला मुद्दा- पुनर्विचार याचिका पर होगा फैसला
इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड ये तय करेगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वो पुनर्विचार याचिका डालेगा या नहीं. हालांकि बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी पहले ही इस बात को कह चुके हैं कि वो कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब कोई भी रिव्यू पीटिशन नही डालेंगे.दूसरा मुद्दा- मस्जिद की जमीन ली जाए या नही
अपनी 26 नवंबर की बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड यह फैसला करेगा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मस्जिद के लिए जो उसे 5 एकड़ जमीन दी गई है वो उसे लेनी है या नही. हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पहले ही उस जमीन को लेने की बात कह चुके हैं.
तीसरा मुद्दा- 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बने या कुछ और
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चौथा मुद्दा- 75 साल बाद वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से हटेगा बाबरी मस्जिद का नाम
वक्फ बोर्ड की 26 नवंबर को होने वाली बैठक में 75 साल बाद वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से बाबरी मस्जिद का नाम हटाने पर भी मुहर लगने की संभावना है. सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेज रजिस्टर दफा 37 में एक लाख 23 हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं. सर्वे वक्फ कमिश्नर विभाग ने 75 साल पहले वर्ष 1944 में सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में बाबरी मस्जिद को दर्ज कराया था.. यह वक्फ नंबर 26 पर बाबरी मस्जिद अयोध्या जिला फैजाबाद नाम से दर्ज है. जिसे सुप्रीम कोर्ट के पैसले के बाद अब हटाया जाना है.
फैसला लेना आसान नहीं है
हालांकि जुफर फारुकी के लिए ये फैसले लेना इतना आसान नही होगा क्योंकि बोर्ड के दूसरे सदस्य चेयरमैन करे खिलाफ विरोध कर रहे हैं कि जब अभी बोर्ड की मीटिंग हुई नहीं तो चेयरमैन जुफर फारुकी कैसे रिव्यू पीटीशन दाखिल न करने या 5 एकड़ जमीन लेने या उसपर कुछ और निर्माण की कह सकतें हैं.
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First published: November 25, 2019, 1:07 PM IST
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