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ISIS आतंकी यूसुफ के परिवार वालों ने खुद को किया घर में 'कैद', बच्चों को लेकर पत्नी गई मायके

ISIS आतंकी यूसुफ के परिवार वालों ने खुद को किया घर में कैद (file photo)

ISIS आतंकी यूसुफ के परिवार वालों ने खुद को किया घर में कैद (file photo)

इससे पहले मुस्तकीम की गिरफ्तारी के बाद पत्नी आयशा (Ayesha) ने खुलासा किया है कि पति को बहुत समझाया था कि ऐसा न करें.

बलरामपुर. दिल्ली के धौलाकुआं से गिरफ्तार आईएसआईएस (ISIS) के संदिग्ध आतंकी (Suspected Terrorist) अबू यूसुफ़ (Abu Yusuf) उर्फ़ मुस्तकीम की गिरफ्तारी के बाद परिवार वालों ने मीडिया से दूरी बनाते हुए खुद को घर में कैद कर लिया है. परिवार के लोगों ने साफ-साफ कहा कि वह मीडिया से नहीं बात करना चाहते. दरअसल मामला सामने आने के बाद बीते दो दिनों से अबू यूसुफ़ के पैतृक गांव में मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ है. मीडिया के सवालों से परेशान पत्नी आयशा अपने चार बच्चों के साथ मायके तैयबनगर चली गयी है. मुस्तकीम 8 भाई-बहन में तीसरे नंबर पर था और चुपचाप घंटों-घंटों मोबाइल पर वीडियो देखा करता था.

इससे पहले मुस्तकीम की गिरफ्तारी के बाद पत्नी आयशा ने खुलासा किया है कि पति को बहुत समझाया था कि ऐसा न करें. पत्नी आयशा ने बताया कि बच्चों का भी हवाला दिया था और कहा था सभी बर्बाद हो जाएंगे, लेकिन उन्होंने नहीं सुना. अब उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है है. उन्हें माफ़ कर दीजिए. उधर, पिता कफील अहमद ने बताया था कि अबू युसूफ नवीं तक पढ़ा है. लेकिन पत्नी के मुताबिक अबू यूसुफ ने दहशत का प्लान बनाया था.

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टेलीग्राम एप के ज़रिए आईएसआईएस के हैंडलर्स से वह जुड़ा था. आईएसआईएस के इशारे पर वह बम बना रहा था. 2005 में 6 महीने दुबई में टूरिस्ट वीज़ा पर था. दुबई से लौटकर कुछ समय वह हैदराबाद में रहा था. 2006 से 2011 से सऊदी अरब में रहा. 2011 में अबू यूसुफ़ का निकाह आयशा से हुई. 2015 में 15 दिन के लिए खाड़ी देश कतर में उसने काम किया. कतर से लौटकर सीधे उत्तराखंड गया. उत्तराखंड में एक दुर्घटना का शिकार हुआ. रीढ़ की हड्डी में अबू को चोट लगी थी. जिसके बाद उसने उतरौला में कास्मेटिक की दुकान खोली. लेकिन दुकान पर वह बहुत कम बैठता था. ज्यादा समय यू ट्यूब पर वीडियो और तकरीरें देखने में बिताता था.

पिता कफील अहमद ने कहा कि उसकी इस करतूत से बाप-दादाओं की कमाई इज्जत मिट्टी में मिल गई. न्यूज18 से बातचीत करते हुए पिता रो पड़े और कहा कि बेटे की इस करतूत पर अफसोस हैं. उन्होंने बताया कि बेटा और उसका परिवार घर में साथ ही रहते थे, लेकिन खाना अलग बनता था. उन्होंने कहा कि बेटा गांव में किसी से मतलब नहीं रखता था.

आपके शहर से (लखनऊ)

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