50 लाख फिरौती वसूलने का प्लान हुआ फेल तो दोस्त की लाश को जलाकर नाले में बहाया, गिरफ्तार
News18 Uttar Pradesh Updated: November 15, 2019, 1:45 PM IST

आगरा में पुलिस ने धर्मेंद्र तिवारी किडनैपिंग और हत्या मामले में खलासा कर दिया है.
मामले में तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिसमें एक अभियुक्त की मां भी शामिल है. पुलिस के अनुसार घटना का मुख्य कारण रंजिश और 50 लाख की फिरौती (Extortion) लेकर कर्ज उतारना लक्ष्य था.
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- Last Updated: November 15, 2019, 1:45 PM IST
आगरा. उत्तर प्रदेश की आगरा पुलिस (Agra Police) ने 18 अक्टूबर को किडनैप (Kidnap) किए गए धर्मेंद्र तिवारी की हत्या (Murder) मामले में खुलासा कर दिया है. मामले में तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिसमें एक अभियुक्त की मां भी शामिल है. पुलिस के अनुसार घटना का मुख्य कारण रंजिश और 50 लाख की फिरौती (Extortion) लेकर कर्ज उतारना लक्ष्य था. दरअसल आगरा के ग्राम नागर, थाना अछनेरा निवासी धर्मेंद्र तिवारी 18 अक्टूबर को तहसील किरावली परिसर से अपने घर के लिए निकले थे लेकिन देर रात तक नहीं पहुंचे तो परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई.
गुमशुदगी की जांच की तो किडनैपिंग निकली
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो धर्मेंद्र तिवारी तहसील गेट से निकलते दिखे, इस दौरान एक अज्ञात व्यक्ति उनकी लिफ्ट लेकर पीछे बैठते दिखा. वह मिढाकुर तक जाते दिखे. पुलिस के अनुसार जांच की गई तो पता चला कि लिफ्ट लेने वाले शख्स के साथ एक और शख्स था जो तहसील परिसर में धर्मेंद्र के निकलने से पहले घूमता दिखाई दिया. इसके बाद साफ हुआ कि धर्मेंद्र तिवारी का अपहरण हुआ है. मामले में संदिग्ध व्यक्तियों के पोस्टर छपवाए गए. इसी दौरान 13 अक्टूबर को सहकारी समिति के कर्मचारी राकेश कुमार ने एक संदिग्ध की पहचान अपने बेटे अरुण उर्फ दीपक और दूसरे की पहचान अरुण के दोस्त ललित किशोर के रूप में की. इसके बाद अरुण और ललित किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपहरण और हत्या का जुर्म कुबूल किया.
पहले शव को जलाया फिर कंकाल और मांस के टुकड़े नाले में फेंकाललित ने बताया कि वह पहले से धर्मेंद्र को जानता था. उस दिन जब तहसील से धर्मेंद्र निकले तो उसने उन्हें रोका और कहा मेरा पर्स चोरी हो गया है, मुझे घर तक छोड़ दो. उसने बताया कि किडनैपिंग की योजना में उसकी मां शालिनी भी शामिल थीं. घर पर उन्होंने धर्मेंद्र को कॉफी में नींद की गोली डालकर पिला दी. इसके बाद उसे टेप से बांधकर बेड के नीचे डाल दिया. इसी दौरान उसकी सांस बंद होने से मौत हो गई, जिसके बाद तीनों ने मिलकर उसके शव को धीरे-धीरे पेट्रोल डालकर जलाया और 23 अक्टूबर को कंबल में लपेटकर कंकाल को स्कूटी से बोदला बिचपुरी रोड पर पुराने नाले में फेंक दिया. इसके बाद तीनों ने मिलकर धर्मेंद्र की मोटरसाइकिल, लैपटॉप, बैग आदि सामान छिपा दिए. पुलिस के अनुसार ललित किशोर की मां शालिनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं शव के साथ सभी सामान बरामद कर लिए गए हैं.
यहां से शुरू हुई रंजिश
एसपी ने बताया कि दरअसल ललित किशोर और उसकी मां का धर्मेंद्र तिवरी के पिता हरिराम शर्मा से पुराना परिचय था. ललित किशोर का उसकी पत्नी सलोनी से घरेलु विवाद हुआ, जिसका केस सिकंदरा थाना में दर्ज किया गया. इस केस में ललित किशोर के खिलाफ वारंट जारी हुआ था. पता चला कि धर्मेंद्र के पिता हरिराम शर्मा ने ललित किशोर को पकड़वाने में उसकी पत्नी सलोनी का सहयोग किया. इसी बात को लेकर ललित और उसकी मां सलोनी रंजिश मानने लगे क्योंकि ललित के जेल जाने की वजह से परिवार पर कर्ज काफी बढ़ गया था. इसके बाद बेरोजगार ललित, प्रकाश और शालिनी ने मिलकर किडनैपिंग की योजना बनाई और 50 लाख रुपये की फिरौती वसूलने की साजिश रची.इनपुट: मोहम्मद आरिफ खान
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गुमशुदगी की जांच की तो किडनैपिंग निकली
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो धर्मेंद्र तिवारी तहसील गेट से निकलते दिखे, इस दौरान एक अज्ञात व्यक्ति उनकी लिफ्ट लेकर पीछे बैठते दिखा. वह मिढाकुर तक जाते दिखे. पुलिस के अनुसार जांच की गई तो पता चला कि लिफ्ट लेने वाले शख्स के साथ एक और शख्स था जो तहसील परिसर में धर्मेंद्र के निकलने से पहले घूमता दिखाई दिया. इसके बाद साफ हुआ कि धर्मेंद्र तिवारी का अपहरण हुआ है. मामले में संदिग्ध व्यक्तियों के पोस्टर छपवाए गए. इसी दौरान 13 अक्टूबर को सहकारी समिति के कर्मचारी राकेश कुमार ने एक संदिग्ध की पहचान अपने बेटे अरुण उर्फ दीपक और दूसरे की पहचान अरुण के दोस्त ललित किशोर के रूप में की. इसके बाद अरुण और ललित किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपहरण और हत्या का जुर्म कुबूल किया.
पहले शव को जलाया फिर कंकाल और मांस के टुकड़े नाले में फेंकाललित ने बताया कि वह पहले से धर्मेंद्र को जानता था. उस दिन जब तहसील से धर्मेंद्र निकले तो उसने उन्हें रोका और कहा मेरा पर्स चोरी हो गया है, मुझे घर तक छोड़ दो. उसने बताया कि किडनैपिंग की योजना में उसकी मां शालिनी भी शामिल थीं. घर पर उन्होंने धर्मेंद्र को कॉफी में नींद की गोली डालकर पिला दी. इसके बाद उसे टेप से बांधकर बेड के नीचे डाल दिया. इसी दौरान उसकी सांस बंद होने से मौत हो गई, जिसके बाद तीनों ने मिलकर उसके शव को धीरे-धीरे पेट्रोल डालकर जलाया और 23 अक्टूबर को कंबल में लपेटकर कंकाल को स्कूटी से बोदला बिचपुरी रोड पर पुराने नाले में फेंक दिया. इसके बाद तीनों ने मिलकर धर्मेंद्र की मोटरसाइकिल, लैपटॉप, बैग आदि सामान छिपा दिए. पुलिस के अनुसार ललित किशोर की मां शालिनी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं शव के साथ सभी सामान बरामद कर लिए गए हैं.
यहां से शुरू हुई रंजिश
एसपी ने बताया कि दरअसल ललित किशोर और उसकी मां का धर्मेंद्र तिवरी के पिता हरिराम शर्मा से पुराना परिचय था. ललित किशोर का उसकी पत्नी सलोनी से घरेलु विवाद हुआ, जिसका केस सिकंदरा थाना में दर्ज किया गया. इस केस में ललित किशोर के खिलाफ वारंट जारी हुआ था. पता चला कि धर्मेंद्र के पिता हरिराम शर्मा ने ललित किशोर को पकड़वाने में उसकी पत्नी सलोनी का सहयोग किया. इसी बात को लेकर ललित और उसकी मां सलोनी रंजिश मानने लगे क्योंकि ललित के जेल जाने की वजह से परिवार पर कर्ज काफी बढ़ गया था. इसके बाद बेरोजगार ललित, प्रकाश और शालिनी ने मिलकर किडनैपिंग की योजना बनाई और 50 लाख रुपये की फिरौती वसूलने की साजिश रची.
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First published: November 15, 2019, 1:36 PM IST
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