Fact Check: TIME मैग्जीन ने कोरोना नियंत्रण पर नहीं की थी योगी सरकार की तारीफ, जानें हकीकत

सीएम योगी आदित्यनाथ (File Photo)
Fact Check: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के द्वारा कोरोना महामारी पर नियंत्रण को लेकर TIME मैग्जीन में प्रकाशित हुआ प्रायोजित आलेख.
- News18Hindi
- Last Updated: January 6, 2021, 8:39 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) पर नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकार ने तमाम दावे किए हैं. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में कमियों के बावजूद सरकार ने महामारी पर प्रभावी नियंत्रण का दावा किया है. इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय पत्रिका टाइम मैगजीन (Time Magazine) में भी तीन पन्नों का लेख प्रकाशित होने की बात सामने आई है. कई मीडिया संस्थानों ने भी यह खबर प्रकाशित की. लेकिन boomlive.in ने अपने फैक्ट चेक में बताया कि यह हकीकत नहीं है. दरअसल, टाइम मैगजीन ने ऐसा कोई लेख प्रकाशित नहीं किया है, बल्कि यह एक प्रायोजित आलेख (Sponsored Content) है.
टाइम मैग्जीन में तीन पन्नों में छपे इस लेख पर न तो किसी रिपोर्टर का नाम लिखा है और न ही मैगजीन की कंटेंट-लिस्ट में ही इस लेख के शीर्षक का जिक्र है. यही नहीं, मैग्जीन में जिस पन्ने पर यह लेख प्रकाशित किया गया है, उसके ऊपर 'कंटेंट फ्रॉम उत्तर प्रदेश' (Content From Uttar Pradesh) लिखा हुआ है. यानी यह टाइम मैग्जीन के संपादकीय विभाग द्वारा प्रकाशित लेख नहीं है. इसलिए इसमें मैग्जीन के किसी रिपोर्टर का नाम भी नहीं है. अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिका में छपे इसी आलेख को लेकर यह अफवाह फैल गई कि विदेशों में भी योगी सरकार के कोरोना नियंत्रण की तारीफ हो रही है, जबकि हकीकत में ऐसा कोई आलेख छपा ही नहीं है.
इस लेख में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों के बाद भी जिस तरह से कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए वह सभी के लिए अतुलनीय उदहारण है.
सबसे ज्यादा टेस्टिंग
टाइम मैग्जीन में छपे इस लेख में बताया गया है कि 22 मार्च तक जब महामारी फैलने लगी उस वक्त राज्य में एक ही टेस्टिंग लैब था, जिसकी क्षमता महज 60 सैंपल प्रतिदिन की थी. लेकिन आज प्रदेश में 234 टेस्टिंग लैब है, जहां रोजाना 1.75 लाख टेस्ट हो रहे हैं. इतना ही नहीं सर्वाधिक कोरोना टेस्ट का रिकॉर्ड भी यूपी के नाम ही है. अब तक करीब 1.9 करोड़ टेस्ट किए जा चुके हैं. लेख में मुख्यमंत्री के टीम-11 का भी जिक्र किया गया है.
उत्तर प्रदेश में 674 कोविड हॉस्पिटल
लेख में यह भी कहा गया है कि जब मार्च में लॉकडाउन की शुरुआत हुई, तो उस वक्त राज्य में एक भी कोविड हॉस्पिटल नहीं था. यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन अपनी कुशल रणनीति की वजह से आज प्रदेश में 674 कोविड हॉस्पिटल हैं.
टाइम मैग्जीन में तीन पन्नों में छपे इस लेख पर न तो किसी रिपोर्टर का नाम लिखा है और न ही मैगजीन की कंटेंट-लिस्ट में ही इस लेख के शीर्षक का जिक्र है. यही नहीं, मैग्जीन में जिस पन्ने पर यह लेख प्रकाशित किया गया है, उसके ऊपर 'कंटेंट फ्रॉम उत्तर प्रदेश' (Content From Uttar Pradesh) लिखा हुआ है. यानी यह टाइम मैग्जीन के संपादकीय विभाग द्वारा प्रकाशित लेख नहीं है. इसलिए इसमें मैग्जीन के किसी रिपोर्टर का नाम भी नहीं है. अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिका में छपे इसी आलेख को लेकर यह अफवाह फैल गई कि विदेशों में भी योगी सरकार के कोरोना नियंत्रण की तारीफ हो रही है, जबकि हकीकत में ऐसा कोई आलेख छपा ही नहीं है.
इस लेख में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों के बाद भी जिस तरह से कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए वह सभी के लिए अतुलनीय उदहारण है.
सबसे ज्यादा टेस्टिंग
टाइम मैग्जीन में छपे इस लेख में बताया गया है कि 22 मार्च तक जब महामारी फैलने लगी उस वक्त राज्य में एक ही टेस्टिंग लैब था, जिसकी क्षमता महज 60 सैंपल प्रतिदिन की थी. लेकिन आज प्रदेश में 234 टेस्टिंग लैब है, जहां रोजाना 1.75 लाख टेस्ट हो रहे हैं. इतना ही नहीं सर्वाधिक कोरोना टेस्ट का रिकॉर्ड भी यूपी के नाम ही है. अब तक करीब 1.9 करोड़ टेस्ट किए जा चुके हैं. लेख में मुख्यमंत्री के टीम-11 का भी जिक्र किया गया है.
उत्तर प्रदेश में 674 कोविड हॉस्पिटल
लेख में यह भी कहा गया है कि जब मार्च में लॉकडाउन की शुरुआत हुई, तो उस वक्त राज्य में एक भी कोविड हॉस्पिटल नहीं था. यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन अपनी कुशल रणनीति की वजह से आज प्रदेश में 674 कोविड हॉस्पिटल हैं.