अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. आज समाज में हर कोई खुलकर अपने दिल की बात एक-दूसरे से नहीं बोल पा रहा है. कई ऐसे सामाजिक मुद्दे होते हैं जिन पर लोग बोलने से बचते हैं. यही नहीं, अपने साथ हो रहे भेदभाव और अत्याचार को भी लोग खुलकर अपने परिवार या दोस्तों को नहीं बता पाते हैं. इसके कारण अंदर ही अंदर घुट कर कई बार वो आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लेते हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो डिप्रेशन में चले जाते हैं.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को इन सब बातों को खुलकर बोलने का संदेश नुक्कड़ नाटक ‘खुल के बोल’ के जरिए लोगों को दे गया. इस नुक्कड़ नाटक में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से युवा शामिल होने आए थे.
बता दें कि, ‘खुल के बोल’ एमटीवी चैनल पर आने वाले सीरियल निषेध का एक हिस्सा है, जिसका मीडिया पार्टनर Viacom 18 है.
आज हम 21वीं सदी में पहुंच गए
इस नुक्कड़ नाटक में शामिल होने आए युवाओं से न्यूज़ 18 लोकल ने बातचीत की जिसमें सदान खान ने बताया कि हम 21वीं सदी में पहुंच गए हैं. चांद से लेकर मंगल तक इंसान अपनी पहुंच बना रहा है. लेकिन, आज भी समाज में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसपर लोग खुलकर बात नहीं करते हैं. जैसे लड़कियों में पीरियड की बात हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए किसी तरह का गलत कदम उठाया गया हो या फिर पढ़ाई में फेल हो गए हों या किसी भी तरह की कोई ऐसी बात जो आपको अंदर ही अंदर घुटने पर मजबूर कर दे. इन मुद्दों पर खुलकर बोलने की जरूरत है. इस पर चर्चा करने की जरूरत है ताकि डिप्रेशन और आत्महत्या रोकी जा सके.
इस नुक्कड़ नाटक को देखने के लिए लखनऊ के घंटाघर पर लोगों की अच्छी भीड़ नजर आई. अन्य कलाकारों ने बताया कि खुल कर बोलना हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है.
मां-बाप से भी करें बात
वहीं, नुक्कड़ नाटक की कलाकार सृष्टि ने बताया कि अगर आपको अपने दिल की बात कहीं कहने का मौका न मिले तो सारी बातें मां-बाप को जरूर बताएं. ऐसा करने से आपको सही दिशा मिलेगी और आपका मन हल्का होगा. इससे आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा भी मिलेगी.
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