अर्चना देवी अपनी मां के साथ
रिपोर्टर- अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप फाइनल में रविवार को इंग्लैंड को टीम इंडिया ने हराकर इतिहास रच दिया. इंग्लैंड की टीम महज 68 रन पर ऑल आउट हो गई. भारत ने तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. इस शानदार जीत में 19 साल की अर्चना देवी का भी बेहद अहम रोल रहा. उन्होंने 3 ओवर में 17 रन देकर 2 विकेट लिए. टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 8 विकेट लिए. अर्चना उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव से आती हैं.ॉ
देश का नाम रौशन करने वाली इस बेटी के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था. अर्चना देवी की मां सावित्री देवी के मुताबिक उन्हें अपनी बेटी को यहां तक पहुंचाने में बहुत ताने सुनने पड़े थे. मां का कहना है कि उनके पति की कैंसर से मौत हो गई थी. पिता का साया बचपन में ही अर्चना के सिर से हट गया था. उन्होंने बताया कि बेटे की सांप काटने से मौत हो जाने के बाद गांव के ही लोग उन्हें डायन कहने लगे. इसके बाद वह किसान बन गईं ताकि बेटी जिंदगी में कुछ कर सके.
ऐसे बदली किस्मत
उन्होंने बेटी को कस्तूरबा गांधी स्कूल में दाखिला दिलवाया. यहीं से अर्चना की किस्मत पलट गई. क्योंकि यहां पर अर्चना को टीचर पूनम गुप्ता का सहारा मिला. उन्होंने अर्चना की मां से बात करके इसे एक अच्छा खिलाड़ी बनाने की बात कही और अपने साथी से ट्रेनिंग सेंटर ले आई. रिश्तेदारों ने भी बेटी को स्कूल की टीचर पूनम गुप्ता के साथ भेजने का भी विरोध किया था. यही नहीं उन्होंने बताया कि लोग कहते थे कि उन्होंने अपनी बेटी को गलत धंधे में डाल दिया. लड़की को बेच दिया जैसे ताने उनके लिए आम हो गए थे. लेकिन बेटी की इस उड़ान के बाद अब पड़ोसी उनकी खैर पूछ रहे और मदद भी कर रहे हैं.
लोगों ने उनके घर को डायन का घर नाम दिया
अर्चना की मां ने बताया कि उनके पति शिवराम की 2008 में कैंसर के कारण मौत हो गई थी. ऐसे में परिवार पर कर्जा चढ़ गया था. 2017 में छोटे बेटे बुद्धिमान सिंह की सांप काटने से मौत हो जाने के बाद वह बुरी तरह से टूट गई थीं. यहीं से लोगों ने उन्हें डायन कहना शुरू कर दिया था. उनके घर को भी लोग डायन का घर ही कहते थे.
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