अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. लखनऊ विश्वविद्यालय को जब सेराष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) की ओर से A++ मिला है, तब से लखनऊ विश्वविद्यालय न सिर्फ देश, बल्कि विदेशी छात्र छात्राओं की पहली पसंद बन गया है. यही वजह है कि हर साल यहां विदेशी छात्र-छात्राओं के आवेदन बढ़ते जा रहे हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि- आज से करीब तीन साल पहले सिर्फ तीन से चार विदेशी छात्र यहां पढ़ते थे, लेकिन पिछले साल विदेशी छात्र-छात्राओं के 800 आवेदन यहां आए. इस साल यह आंकड़ा इसके ऊपर जाता नजर आ रहा है. आज लखनऊ विश्वविद्यालय के लगभग सभी विभागों में विदेशी छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय न सिर्फ देश अब ग्लोबल स्तर पर अच्छी रैंकिंग में शामिल हो चुका है.
अपने खर्चे पर आ रहे हैं विदेशी छात्र-छात्राएं
सबसे खास बात यह है कि विदेशों से आने वाले छात्र-छात्राएं किसी फेलोशिप पर नहीं, बल्कि अपने खुद के खर्चे पर यहां पर आ रहे हैं, जोकि बड़ी बात है. जिन देशों के छात्र यहां पर पढ़ने की रुचि दिखा रहे हैं उनमें दक्षिण कोरिया से भाषा विज्ञान में प्रवेश के लिए एक छात्रा ने आवेदन किया है. हिंदी में सर्टिफिकेट प्रोग्राम के लिए फिलीपींस की छात्रा का आवेदन आया है. वहीं, बांग्लादेश और श्रीलंका से कई छात्र-छात्राओं ने प्रवेश के लिए रुचि दिखाई है. इसी क्रम में म्यामार, नाइजीरिया,अफगानिस्तान समेत कई दूसरे देशों से भी प्रवेश के लिए आवेदन आ रहे हैं.
ऐसे मिलता है प्रवेश
प्रोफेसर ने बताया कि विश्वविद्यालय आईसीसीआर अध्येतावृति विद्यार्थियों के अतिरिक्त विभिन्न दूतावासों से संदर्भित विदेशी छात्र-छात्राओं का प्रवेश करता है. इन विद्यार्थियों के लिए सभी संकायों के रेगुलर और स्ववित्तपोषित कार्यक्रमों में प्रवेश होते हैं.
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