यूपी के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा (File Photo)
लखनऊ. यूपी बोर्ड (UP Board) की कापियों का मूल्यांकन 5 मई से दोबारा शुरू होने जा रहा है. इस निर्णय में प्रदेश सरकार (State Government) ने अहम बदलाव किया है. सोमवार को जारी नए आदेश के अनुसार फिलहाल ग्रीन जोन (Green Zone) के जिलों में ही कॉपियों का मूल्यांकन किया जाएगा. ऑरेंज (Orange) और रेड जोन (Red Zone) में मूल्यांकन का काम स्थगित रहेगा. इन जोन के लिए सरकार नए सिरे से रणनीति बना रही है और जल्द ही अलग आदेश जारी होगा.
प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि रेड जोन में कॉपियों का मूल्यांकन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल सिर्फ ग्रीन जोन में ही मूल्यांकन होगा. वहीं ऑरेंज जोन के लिए विभाग जल्द ही रणनीति तैयार करेगा.
प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला की तरफ से प्रदेश के सभी डीएम और यूपी बोर्ड की सचिव व शिक्षा निदेशक को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसमें कहा कहा गया है कि यूपी बोर्ड के हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 5 मई से 25 मई तक सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखते हुए पूरा किया जाए.
ये हैं ग्रीन जोन के जिले
गृह मंत्रालय की तरफ से लॉकडाउन की समयावधि बढ़ाते हुए नया दिशा-निर्देश जारी किया गया है. इस गाइडलाइन में ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन बनाए गए हैं. इसी क्रम में निर्णय लिया गया है कि बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन सबसे पहले ग्रीन जोन से जुड़े जिले में कराया जाए. इनमें जिलों में बाराबंकी, खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकरनगर, बलिया, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और अमेठी शामिल हैं.
ऑरेंज जोन और रेड जोन के जिलों पर रणनीति बाद में
वहीं ऑरेंज और रेड जोन के जनपदों में मूल्यांकन का काम फिलहाल स्थगित रहेगा. इन जनपदों का कार्य कराए जाने के संबंध में आदेश अलग से जारी होंगे.
शिक्षक संगठनों ने किया था विरोध
दरअसल शिक्षक संगठनों ने मूल्यांकन शुरू करने के फैसले का विरोध किया था. शिक्षक संगठनों का कहना है कि लॉकडाउन में मूल्यांकन कार्य कराये जाने से शिक्षकों के सामने कई व्यावहारिक दिक्कतें आएंगी. कई शिक्षक अपने गृह जनपद में फंसे हुए हैं. ऐसे शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए आने के लिए पास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसके साथ ही लॉकडाउन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा न शुरू होने से भी कई शिक्षकों के मूल्यांकन केन्द्रों तक पहुंचने में भी दिक्कतें आएंगी.
शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉ महेंद्र राय ने इस संबंध में डिप्टी सीएम से अनुरोध किया था और छात्र हित में ग्रीन जोन में मूल्यांकन ही करने की मांग रखी थी.
उधर अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ हरि प्रकाश यादव ने लॉकडाउन में 17 मई तक कॉपियों का मूल्यांकन शुरू न किए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा 17 मई के बाद मूल्यांकन कार्य शुरू होने पर एक हफ्ते में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन खत्म हो सकता है. उन्होंने कहा है कि ऐसे में यूपी बोर्ड के पास 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित करने के लिए पूरे जून माह का समय शेष रहेगा.
18 फरवरी से 6 मार्च तक हुई थी परीक्षा
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं इस साल 18 फरवरी से 6 मार्च के बीच आयोजित की गई थीं. यूपी बोर्ड के हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस बार 56 लाख 7 हजार 118 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. लेकिन नकल की सख्ती के चलते 4 लाख 70 हजार 846 परीक्षार्थियों ने परीक्षा बीच में ही छोड़ दी थी. जिसके बाद हाई स्कूल और इंटर की लगभग 3.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य 16 मार्च से शुरू हुआ था.
करीब 19 लाख कॉपियों का हो चुका मूल्यांकन
तीन दिनों में प्रदेश भर में लगभग 19 लाख कॉपियों का मूल्यांकन भी किया गया था. जिसके बाद 19 मार्च से लॉकडाउन के चलते मूल्यांकन कार्य पर रोक लगा दी गई थी. शासन ने 5 मई से 25 मई के बीच कॉपियों का मूल्यांकन लॉकडाउन का पालन कराते हुए पूरा करने का निर्देश जारी किया है, जिसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं.
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