UP Election Results 2022 Live Update: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 273 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सत्ता पर फिर कब्जा कर लिया है. वहीं, सपा गठबंधन को सिर्फ 125 सीटों पर जीत मिली है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के लिए मतगणना सुबह 8 शुरू हुई और अब तक सभी सीटों के रुझान और कुछ के परिणाम आ चुके हैं. रुझानों (Early Assembly Result Trend) से बीजेपी खेमे में उत्साह देखा जा रहा है. लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर समर्थकों ने नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के पोस्टर लगा दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गोरखपुर शहर सीट से चुनाव जीत गए हैं. वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी करहल सीट पर कब्जा कर लिया है. जबकि भाजपा से बागी होकर सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 7 चरणों में वोटिंग हुई थी. अब राजनीतिक दलों के साथ ही आम लोगों को भी जनता-जनार्दन के फैसले (UP Election Result) की जानकारी मिल रही है. प्रदेश के दर्जनों मतदान केंद्र (Voting Center) पर गुरुवार सुबह 8 बजे से मतगणना (Uttar Pradesh Election Counting) की प्रक्रिया शुरू हो गई. इस बार का चुनाव कई मायने में अलग रहा है. कई गठबंधन टूटे तो कई नए चुनावी गठजोड़ भी बने. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस बार समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल के साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी है. वहीं, मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी इस बार अकेले ही चुनाव लड़ा है.
शुरुआती रुझानों में BJP ने पार किया बहुमत का आंकड़ा, सपा काफी पीछे, पढ़ें हर अपडेट
बता दें कि आखिरी चुनाव के बाद देर शाम को एग्जिट पोल के नतीजे आए थे. तकरीबन सभी सर्वे एजेंसियों और मीडिया संस्थानों ने BJP द्वारा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की संभावना जताई है. समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस आदि एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए अपनी तरफ से अलग-अलग दावे किए हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा (17th Assembly Election) के लिए 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में चुनाव हुए थे. 18वीं विधानसभा के लिए चुनाव 10 फरवरी से चुनाव शुरू हुआ था और 7 मार्च को अंतिम चरण के लिए वोट डाले गए थे. साल 2017 की तरह इस बार का चुनाव भी 7 चरणों (7 Phase Assembly Election) में संपन्न हुआ. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 300 से ज्यादा विधानसभा की सीट पर जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी गठबंधन को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं. देश की चुनावी राजनीति में ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है. इसका मतलब यह है कि जिसने उत्तर प्रदेश का चुनाव जीता, उसी के लोकसभा चुनाव में जीतने की प्रबल संभावना होती है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटैं हैं.
क्या BJP रच पाएगी इतिहास?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटें आई थीं. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा इस बार साल 2017 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी? बता दें कि इस बार का विधानसभा चुनाव घोषित तौर पर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा गया है. पिछले चुनाव में भाजपा ने अलग रणनीति के साथ चुनाव लड़ा था.
क्या योगी आदित्यनाथ कर पाएंगे कमाल?
इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजे कई मायनों में अलग साबित हो सकता है. मसलन यदि भाजपा चुनाव जीतती है और योगी आदित्यनाथ को ही फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह पहले ऐसे भाजपा नेता होंगे जो दो बार लगातार 5 वर्षों के लिए सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे.
सपा की सत्ता में वापसी करा सकेंगे अखिलेश?
अखिलेश यादव ने इस बार का चुनाव अपनी अगुआई में लड़ा है. ऐसे में इस बार उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की सत्ता में वापसी करवा सकेंगे? वैसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार जीत के दावे कर रहे हैं.
चुनावी राजनीति में क्या होगा बसपा का भविष्य?
पिछले दो बार के विधानसभा चुनावों में मायावती की बहुजन समाज पार्टी को मुंह की खानी पड़ रही है. इस बार के चुनाव से बसपा और मायावती को काफी उम्मीदें हैं. बसपा के लिए भी यह चुनाव अग्निपरीक्षा की तरह है. यदि पार्टी किंग मेकर बनकर सामने आती है तो उत्तर प्रदेश में मायावती की प्रासंगिकता बढ़ सकती है.
कांग्रेस को संजीवनी दे पाएंगी प्रियंका गांधी वाड्रा?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रह सकता है. मसलन कांग्रेस ने इस बार का यूपी चुनाव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुआई में लड़ा है. पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ ही आमलोगों के जेहन में भी यही बात है कि क्या प्रियंका गांधी कांग्रेस को देश के सबसे बड़े प्रदेश में संजीवनी प्रदान करने में सफल हो सकेंगी.
जौनपुर की सभी 9 विधानसभा के परिणाम आ गए हैं. इस बार भाजपा को चार और सपा का पांच सीटें मिली हैं.
1- जौनपुर सदर – गिरीश यादव भाजपा
2- बदलापुर – रमेश मिश्रा भाजपा
3- शाहगंज- रमेश सिंह निषाद भाजपा गठबन्धन
4- मड़ियाहूं- डॉ आर के पटेल अपनादल एस भाजपा गठबंधन
5- मल्हनी – लकी यादव सपा
6- मुगराबादशाहपुर- पंकज पटेल सपा
7- केराकत- तूफानी सरोज सपा
8- मछलीशहर- डॉ रागिनी सोनकर सपा
9- जफराबाद- जगदीश नारायण राय सपा सुभासपा गठबंधन
गाजीपुर की सैदपुर सीट से सपा के अंकित भारती जीते हैं. उन्होंने बीजेपी के सुभाष पासी को 35792 वोटों से हराया है. इसके अलावा गाजीपुर की ही जंगीपुर सीट से सपा के वीरेंद्र यादव जीते हैं. उन्होंने बीजेपी के रामनरेश को 35 हजार वोटों से हराया है.
यूपी चुनाव में अब तक 353 का परिणाम घोषित कर दिया गया है. भाजपा ने अब तक 233 सीटें जीतीं हैं तो सपा का 92 पर कब्जा हुआ है. इसके अलावा अपना दल (एस) को 11, निषाद पार्टी को पांच, कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो-दो, आरएलडी को आठ और एबीएसपी को तीन सीटों पर जीत मिली है. बसपा का खाता नहीं खुला है. एक सीट पर उसने लीड बना रखी है.
कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट 251 की मतगणना पूरी हो गयी है. इस सीट पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हार का सामना करना पड़ा है. सपा की पल्लवी पटेल ने इस सीट पर 6832 वोट से जीत दर्ज की है. पल्लवी पटेल को 105559 वोट मिले है. जबकि बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य (98727) को हार मिली है.
कौशांबी की सिराथू की विधानसभा सीट पर मतगणना जारी है. इस सीट पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सपा की पल्लवी पटेल के बीच मुकाबला चल रहा है. यहां कभी सपा तो कभी मौर्य आगे निकल रहे हैं.
चंदौली की चार विधानसभा में से तीन के परिणाम घोषित हो गए हैं.
>>मुगलसराय से भाजपा के रमेश जयसवाल अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा चंद्रशेखर यादव से 14921 मतों से विजयी रहे हैं.
>>सकलडीहा से सपा के प्रभुनरायन यादव अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के सूर्यमुनि तिवारी से 16661 मतों से विजयी हुए हैं.
>>सैयदराजा से भाजपा के सुशील सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के मनोज कुमार से 10917 मतों से विजयी रहे हैं.
भाजपा नेता और मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने लखनऊ में अपनी बेटी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘तिलक’ लगाया है.
लखीमपुर खीरी में भाजपा ने सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की है.
फिरोजाबाद में पत्थरबाजी का मामला सामने आया है. इस दौरान कई पुलिसकर्मियों को पत्थर लगे हैं. इसके बाद एसएसपी ने लाठीचार्ज का आदेश दिया. इस वक्त पथराव के बाद फायरिंग भी हुई है. मतगणना स्थल को चारों ओर से उपद्रवियों ने घेर लिया और पुलिस के हाथ पैर फूल रहे हैं.
कानपुर देहात की चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है.
>>विधानसभा रसूलाबाद (205) से बीजेपी प्रत्याशी पूनम शंखवार ने 21657 वोट से जीत हासिल की है.
बीजेपी को 91561वोट
सपा को 69904 वोट
बीएसपी को 28104 वोट
>>विधानसभा अकबरपुर रनिया (206) से बीजेपी प्रत्याशी प्रतिभा शुक्ला ने 13554 वोट से जीत हासिल की है.
बीजेपी को 92950 वोट
सपा को 78996 वोट
बीएसपी को 32136 वोट
>>विधानसभा सिकन्दरा (207) से बीजेपी प्रत्याशी अजीत सिंह पाल ने 31379 वोट से जीत हासिल की है.
बीजेपी को 88783 वोट
सपा को 57404 वोट
बीएसपी को 35845 वोट
>>विधानसभा भोगनीपुर (208) से बीजेपी प्रत्याशी राकेश सचान ने 12080 वोट से जीत हासिल की है.
बीजेपी को 87487 वोट
सपा को 75407 वोट
बीएसपी को 47186 वोट
जौनपुर की सदर सीटसे बीजेपी कैंडिडेट और योगी कैबिनेट के मंत्री गिरीश चंद्र यादव चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने 6000 से अधिक वोटों से सपा के मोहम्मद अरशद को हराया है.
हाथरस में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. सादाबाद से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय चुनाव हार गए हैं. सपा और लोकदल गठबंधन प्रत्याशी प्रदीप सिंह ने 104874 मत पाकर 6437 वोटों से जीते हासिल की है. भाजपा प्रत्याशी को 98437 वोट मिले हैं.
सोनभद्र जनपद की चारों विधानसभा सीटों पर कमल खिला है. इसे बाद भाजपा की प्रचंड जीत से सोनांचल में कार्यकर्ताओं ने भगवा होली खेली है.
>>घोरावल विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ अनिल कुमार मौर्य ने 24345 मतों से सपा प्रत्याशी रमेश दुबे को हराया.
>>ओबरा विधानसभा सीट (402) पर भाजपा प्रत्याशी (परिवार कल्याण मंत्री) संजीव गोंड़ ने 36717 मतों से सपा प्रत्याशी अरविंद कुमार उर्फ सुनील गोंड़ को हराया है.
>>रॉबर्ट्सगंज सदर विधानसभा (401) सीट पर भाजपा प्रत्याशी भूपेश चौबे ने 5905 के अंतर से सपा प्रत्याशी अविनाश कुशवाहा को हराया.
>>दुद्धी विधानसभा सीट (403) पर भाजपा प्रत्याशी रामदुलारे गोंड़ ने 6723 से सपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ को हराया.
हरदोई की आठों विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा हो गया है. हरदोई सदर सीट पर इतिहास में पहली बार भाजपा के नितिन अग्रवाल ने 43 हज़ार वोटों से जीत दर्ज की है.
सदर विधानसभा ( भाजपा के नितिन अग्रवाल जीते)
Bjp-1 लाख 25हज़ार 785
Sp- 82 हज़ार 637
सांडी विधानसभा (भाजपा के प्रभाष कुमार जीते)
Bjp-81315
Sp-71564
Bsp-30426
सण्डीला विधानसभा सीट (भाजपा की अलका अर्कवंशी जीतीं)
Bjp-101377
Bsp-64254
Sbsp-24374
बालामऊ विधानसभा सीट ( भाजपा के रामपाल वर्मा जीते)
Bjp-81823
Sp-55242
Bsp-42424
गोपामऊ विधानसभा सीट ( भाजपा के श्याम प्रकाश जीते)
Bjp-91291
Sp-83015
Bsp-31541
शाहाबाद विधानसभा सीट ( भाजपा की रजनी तिवारी जीतीं)
Bjp-94325
Sp-87452
Bsp-37330
बिलग्राम विधानसभा सीट (भाजपा के आशीष सिंह आशु जीते)
Bjp-81732
Sp- 56155
Congress- 52284
Bsp- 35569
सवायजपुर विधानसभा सीट (भाजपा के माधवेन्द्र सिंह जीते)
Bjp-114009
Sp-88029
Bsp-21162
Congress-11382
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 4 दशक बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है. तीन राज्य उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर में सरकार में होने के बावजूद बीजेपी के वोट बैंक में वृद्धि हुई है. उत्तर प्रदेश ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं लेकिन 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले किसी मुख्यमंत्री के दोबारा चुने जाने का ये पहला उदाहरण है.
कौशांबी की सिराथू विधानसभा 251 में वोटों की गिनती फिर से शुरू हो गयी है. इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य और सपा की पल्लवी पटेल के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. यही नहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने फिर से वोटों की गिनती की मांग की थी. इसके बाद हंगामा हो गया था और काउंटिंग रुक गयी थी.
भाजपा के राष्ट्रीय अधयक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की राजनीति की संस्कृति बदली है. लंबे समय तक एक राजनीति चल रही थी. वह राजनीति थी भाई, भतीजावाद, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, जातिवाद, परिवारवाद, क्षेत्रवाद. इनकी राजनीति लंबे समय से चल रही थी. अब रिपोर्ट कार्ड की राजनीति है. काम करोगे, जनता के बीच में जाओगे और जनता का आशीर्वाद लोगे. आज विकास की राजनीति है, महिला सशक्तिकरण, किसानों का सशक्तिकरण की राजनीति है.
बीजेपी ने शाहजहांपुर की 6 विधानसभाओं में जीत का परचम लहराया है. कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने जीत की हैट्रिक बनाई है. जबकि चर्चित सीट तिलहर से सलोना कुशवाहा ने रोशन लाल वर्मा को हराया है. पहली बार जलालाबाद विधानसभा सीट से हरि प्रकाश वर्मा ने जीत हासिल की है. पिछली विधानसभा में बीजेपी ने 6 सीटों में 5 पर जीत हासिल की थी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य की जनता की भलाई के लिए संघर्षशील विपक्ष की जिम्मेदारी निभाती रहेगी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘लोकतंत्र में जनता का मत सर्वोपरि है. हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मेहनत की, संगठन बनाया, जनता के मुद्दों पर संघर्ष किया. लेकिन, हम अपनी मेहनत को वोट में तब्दील करने में कामयाब नहीं हुए.’
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने यूपी में जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चार राज्यो में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने जा रही है. इन चार राज्यों में प्रधानमंत्री के विकास और सुशासन को जनता ने फिर से आशीर्वाद दिया है. प्रधानमंत्री समेत अन्य नेताओं का मैं अभिनंदन करता हूं.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के लिए मतगणना सुबह 8 शुरू हुई और अब तक सभी सीटों के रुझान और कुछ के परिणाम आ चुके हैं. रुझानों (Early Assembly Result Trend) से बीजेपी खेमे में उत्साह देखा जा रहा है. लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर समर्थकों ने नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के पोस्टर लगा दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गोरखपुर शहर सीट से चुनाव जीत गए हैं. वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी करहल सीट पर कब्जा कर लिया है. जबकि भाजपा से बागी होकर सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 7 चरणों में वोटिंग हुई थी. अब राजनीतिक दलों के साथ ही आम लोगों को भी जनता-जनार्दन के फैसले (UP Election Result) की जानकारी मिल रही है. प्रदेश के दर्जनों मतदान केंद्र (Voting Center) पर गुरुवार सुबह 8 बजे से मतगणना (Uttar Pradesh Election Counting) की प्रक्रिया शुरू हो गई. इस बार का चुनाव कई मायने में अलग रहा है. कई गठबंधन टूटे तो कई नए चुनावी गठजोड़ भी बने. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस बार समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल के साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी है. वहीं, मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (BSP) भी इस बार अकेले ही चुनाव लड़ा है.
शुरुआती रुझानों में BJP ने पार किया बहुमत का आंकड़ा, सपा काफी पीछे, पढ़ें हर अपडेट
बता दें कि आखिरी चुनाव के बाद देर शाम को एग्जिट पोल के नतीजे आए थे. तकरीबन सभी सर्वे एजेंसियों और मीडिया संस्थानों ने BJP द्वारा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की संभावना जताई है. समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस आदि एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए अपनी तरफ से अलग-अलग दावे किए हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा (17th Assembly Election) के लिए 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में चुनाव हुए थे. 18वीं विधानसभा के लिए चुनाव 10 फरवरी से चुनाव शुरू हुआ था और 7 मार्च को अंतिम चरण के लिए वोट डाले गए थे. साल 2017 की तरह इस बार का चुनाव भी 7 चरणों (7 Phase Assembly Election) में संपन्न हुआ. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 300 से ज्यादा विधानसभा की सीट पर जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी गठबंधन को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं. देश की चुनावी राजनीति में ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है. इसका मतलब यह है कि जिसने उत्तर प्रदेश का चुनाव जीता, उसी के लोकसभा चुनाव में जीतने की प्रबल संभावना होती है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटैं हैं.
क्या BJP रच पाएगी इतिहास?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटें आई थीं. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा इस बार साल 2017 का प्रदर्शन दोहरा पाएगी? बता दें कि इस बार का विधानसभा चुनाव घोषित तौर पर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा गया है. पिछले चुनाव में भाजपा ने अलग रणनीति के साथ चुनाव लड़ा था.
क्या योगी आदित्यनाथ कर पाएंगे कमाल?
इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजे कई मायनों में अलग साबित हो सकता है. मसलन यदि भाजपा चुनाव जीतती है और योगी आदित्यनाथ को ही फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह पहले ऐसे भाजपा नेता होंगे जो दो बार लगातार 5 वर्षों के लिए सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे.
सपा की सत्ता में वापसी करा सकेंगे अखिलेश?
अखिलेश यादव ने इस बार का चुनाव अपनी अगुआई में लड़ा है. ऐसे में इस बार उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की सत्ता में वापसी करवा सकेंगे? वैसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार जीत के दावे कर रहे हैं.
चुनावी राजनीति में क्या होगा बसपा का भविष्य?
पिछले दो बार के विधानसभा चुनावों में मायावती की बहुजन समाज पार्टी को मुंह की खानी पड़ रही है. इस बार के चुनाव से बसपा और मायावती को काफी उम्मीदें हैं. बसपा के लिए भी यह चुनाव अग्निपरीक्षा की तरह है. यदि पार्टी किंग मेकर बनकर सामने आती है तो उत्तर प्रदेश में मायावती की प्रासंगिकता बढ़ सकती है.
कांग्रेस को संजीवनी दे पाएंगी प्रियंका गांधी वाड्रा?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक रह सकता है. मसलन कांग्रेस ने इस बार का यूपी चुनाव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुआई में लड़ा है. पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ ही आमलोगों के जेहन में भी यही बात है कि क्या प्रियंका गांधी कांग्रेस को देश के सबसे बड़े प्रदेश में संजीवनी प्रदान करने में सफल हो सकेंगी.
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