UP Panchayat Chunav: अब योगी सरकार के चार साल पूरे होने के बाद जारी हो सकती है अधिसूचना

यूपी पंचायत चुनाव के लिए इंतजार थोड़ा लंबा
UP Panchayat Elections: मिल रही जानकारी के मुताबिक पंचायत चुनाव चार चरणों में 15 से 30 अप्रैल के बीच कराए जा सकते हैं. गौरतलब है कि पहले सरकार की मंशा थी कि फ़रवरी के आखिरी सफ्ताह में अधिसूचना जारी कर 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच चुनाव करवाए जाएं
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 9:10 AM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव (UP Panchayat Elections) का इंतजार थोड़ा और लंबा हो सकता है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक ग्राम प्रधान, क्षेत्र और जिला पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना अब मार्च की जगह अप्रैल में जारी होने की संभावना है. दरअसल, इसके पीछे की वजह यह है कि 19 मार्च को योगी सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में सरकार अपने चार साल के काम काज का जश्न मनाने के साथ ही उसे जनता के बीच ले जाने कि है. अगर उससे पहले अधिसूचना जारी होती है तो आचार संहिता लागू हो जाएगी और सरकार ऐसा नहीं कर पाएगी. लिहाजा पंचायत चुनावों की अधिसूचना 19 मार्च के बाद ही होगी.
मिल रही जानकारी के मुताबिक पंचायत चुनाव चार चरणों में 15 से 30 अप्रैल के बीच कराए जा सकते हैं. गौरतलब है कि पहले सरकार की मंशा थी कि फ़रवरी के आखिरी सफ्ताह में अधिसूचना जारी कर 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच चुनाव करवाए जाएं. हालांकि निर्वाचन क्षेत्रों की आरक्षण को लेकर शासनादेश 15 फ़रवरी तक जारी हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक आरक्षण नीती लगभग पूरी हो चुकी है. आरक्षण की व्यवस्था चक्रानुक्रम में होगी. इसमें यह शर्त जोड़ी जा सकती है कि अगर कोई क्षेत्र 2015 में अनुसूचित जाति या पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था तो इस बार ऐसा न हो.
24 जून से पहले करवाने हैं चुनाव
बता दें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को 24 जून से पहले करवाना अनिवार्य है. क्योंकि ग्राम पंचायतों में 24 दिसंबर की आधी रात को छह माह के लिए प्रशासक तैनात किए गए हैं. इस लिहाज से राज्य सरकार को 24 जून तक हर हाल में चुनाव प्रक्रिया पूरी करवानी है.
मिल रही जानकारी के मुताबिक पंचायत चुनाव चार चरणों में 15 से 30 अप्रैल के बीच कराए जा सकते हैं. गौरतलब है कि पहले सरकार की मंशा थी कि फ़रवरी के आखिरी सफ्ताह में अधिसूचना जारी कर 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच चुनाव करवाए जाएं. हालांकि निर्वाचन क्षेत्रों की आरक्षण को लेकर शासनादेश 15 फ़रवरी तक जारी हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक आरक्षण नीती लगभग पूरी हो चुकी है. आरक्षण की व्यवस्था चक्रानुक्रम में होगी. इसमें यह शर्त जोड़ी जा सकती है कि अगर कोई क्षेत्र 2015 में अनुसूचित जाति या पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था तो इस बार ऐसा न हो.
24 जून से पहले करवाने हैं चुनाव
बता दें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को 24 जून से पहले करवाना अनिवार्य है. क्योंकि ग्राम पंचायतों में 24 दिसंबर की आधी रात को छह माह के लिए प्रशासक तैनात किए गए हैं. इस लिहाज से राज्य सरकार को 24 जून तक हर हाल में चुनाव प्रक्रिया पूरी करवानी है.