यूपी में लव मैरिज करने वालों को पुलिस देगी सुरक्षा, कप्तानों को निर्देश जारी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने लव मैरिज करने वालों को सुरक्षा देने का आदेश जारी किया है. (सांकेतिक तस्वीर)
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गृह विभाग ने लव मैरिज (Love Marriage) करने वालों को सुरक्षा देने के निर्देश जारी किए हैं.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: September 10, 2019, 11:19 AM IST
लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गृह विभाग ने लव मैरिज (Love Marriage) करने वालों को सुरक्षा देने के निर्देश जारी किए हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि लव मैरिज करने के बाद जो दंपत्ति सुरक्षा की डिमांड करें, उन्हें यूपी सरकार सुरक्षा दे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के गृह विभाग ने सभी जिला कप्तानों व जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. निर्देशों में कहा गया है कि लव मैरिज करने वाली दंपतियों को अगर कोई खतरा है तो उन्हें सुरक्षा दी जाए. यह सुरक्षा उन्हीं लोगों को दी जाए, जिनकी तरफ से सुरक्षा की डिमांड की जाए.
डीजीपी ने जारी किया सर्कुलर
मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने 'आनर किंलिंग' के मामलों में तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने कहा है कि अगर युवक-युवती द्वारा स्वेच्छा से अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह किया जाता है तो ऐसे दंपत्ति का न तो कोई उत्पीड़न कर सकता है, न ही धमकी दे सकता है. उन्होंने कहा है कि ऐसे मामले सामने आने पर उन व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, जो उत्पीड़न, धमकी या हिंसात्मक कार्रवाई में शामिल हों.
'तुरंत केस दर्ज कर, तय समय में निष्पक्ष जांच करें'हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों एवं इस संबंध में पूर्व में जारी शासनादेश की याद दिलाते हुए डीजीपी ने सोमवार को फिर से सर्कुलर जारी किया. डीजीपी ने कहा है कि 'ऑनर किलिंग' मामलों में तत्काल मुकदमा दर्ज कर तय समय में निष्पक्ष विवेचना की जाए. विवेचना में साइंटिफिक प्रॉसेस का प्रयोग किया जाए. उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों को इस प्रकार के मामलों की अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करने का निर्देश भी दिया है.
(इनपुट- अजीत सिंह)
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डीजीपी ने जारी किया सर्कुलर
मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने 'आनर किंलिंग' के मामलों में तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने कहा है कि अगर युवक-युवती द्वारा स्वेच्छा से अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह किया जाता है तो ऐसे दंपत्ति का न तो कोई उत्पीड़न कर सकता है, न ही धमकी दे सकता है. उन्होंने कहा है कि ऐसे मामले सामने आने पर उन व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, जो उत्पीड़न, धमकी या हिंसात्मक कार्रवाई में शामिल हों.
'तुरंत केस दर्ज कर, तय समय में निष्पक्ष जांच करें'हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों एवं इस संबंध में पूर्व में जारी शासनादेश की याद दिलाते हुए डीजीपी ने सोमवार को फिर से सर्कुलर जारी किया. डीजीपी ने कहा है कि 'ऑनर किलिंग' मामलों में तत्काल मुकदमा दर्ज कर तय समय में निष्पक्ष विवेचना की जाए. विवेचना में साइंटिफिक प्रॉसेस का प्रयोग किया जाए. उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों को इस प्रकार के मामलों की अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करने का निर्देश भी दिया है.
(इनपुट- अजीत सिंह)
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