उत्तर प्रदेश चुनाव में मुस्लिम महिला वोटर्स ने बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट दिया. इसकी सबसे बड़ी वजह रही बीजेपी का मुस्लिम महिलाओं के राइट्स की बात करना. ये बात ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड लखनऊ की प्रेसिडेंट शाइस्ता अंबर ने हमारी साथी वेबसाइट news18.com से कही. एरम अघा को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बीजेपी की जीत के बारे में खुलकर बात की.
शाइस्ता ने कहा कि बीजेपी की जीत में मुस्लिम महिलाओं के वोट का सबसे बड़ा हाथ है. मैं इस रिजल्ट से चौंकी नहीं हूं, क्योंकि इसी पार्टी ने मुस्लिम महिलाओं के राइट्स की बात की थी. इससे पहले मुसलमान सामरिक वोटिंग के लिए जाना जाता है, लेकिन यूपी में मुद्दों को लेकर वोटिंग हुई. बता दें कि बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक को लेकर एक हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि पुरुषों का ऐसा करना मुस्लिम महिलाओं के फंडामेंटल राइट्स का हनन है.
ट्रिपल तलाक के हलफनामे को लेकर बीजेपी के खिलाकर मोर्चा खालने वाली शाइस्ता ने कहा- मुसलमानों ने अपनी गरिमा के लिए दिया है, वे सेकंड क्लास सिटिजन के की तरह रहना नहीं चाहते हैं. वे रोजगार चाहते हैं, स्वयं के लिए अवसर चाहते हैं. इससे पहले तो सिर्फ वादे हुए, लेकिन अब इसे पूरा करने का अवसर बीजेपी को दिया है.
शाइस्ता ने कहा- बिना मुसलमान वोट के बीजेपी बहुमत पा ही नहीं सकती है. ये मुस्लिम युवा महिलाओं की वजह से संभव हो सकता है, जो अपना सपोर्ट बीजेपी को सिर्फ ट्रिपल तलाक की वजह से ही दे रही हैं. अगर पार्टी इसे बैन करती है तो कहीं न कहीं से उसे फायदा ही होगा. बता दें कि यूपी में 19% पॉपुलेशन है, जो कि दलित के बाद सबसे अधिक हैं.
इस बारे में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर असमर बेग का कहना है कि ये पहला मौका नहीं है जब मुसलमानों ने बीजेपी के लिए खुलकर वोट किए. इससे पहले लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी के 10% वोट मुसलमानों के ही थे. बता दें कि बेग यूपी में सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी के कोऑर्डिनेटर भी हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2017, 16:44 IST