UPTET पेपर लीक का मुख्य आरोप राय अनूप प्रसाद खुद को बता रहा बीजेपी विधायक
लखनऊ. UPTET पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरएसएम फिनसर्व कंपनी का डायरेक्टर राय अनूप प्रसाद (Rai Anoop Prasad) पूछताछ के दौरान खुद को बिहार (Bihar) के नरकटियागंज से बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा (MLA Rashmi Verma) का भाई बता रहा था. अब एसटीएफ (STF) इस एंगल की भी जांच में लग गई है कि कहीं पेपर लीक का कोई पॉलिटिकल कनेक्शन तो नहीं है. यह भी बताया जा रहा है कि राय अनूप प्रसाद मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला है. एसटीएफ अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद के बीच कनेक्शन का पॉइंट भी तलाश रही है.
अबतक की जांच से साफ हो गया है कि एक साजिश के तहत 26 अक्टूबर को आरएसएम फिनसर्व नाम की कंपनी को पेपर प्रिंट कराने का ठेका दिया गया या फिर दिलाया गया. जिसके पास सुरक्षित तरीके से पेपर छापने का इंतजाम तक नहीं था. साजिश रचने वालों को ये मालूम था कि फिनसर्व के पास सुरक्षित तरीके से पेपर छापने का इंतजाम नहीं है और ये पेपर कुछ छोटी और असुरक्षित प्रेस में छपेंगे.पेपर लीक कराने वाले सिंडिकेट से जुड़े लोग ऐसी छोटी और असुरक्षित प्रेसों पर मौजूद थे. पेपर इन प्रेसों में छपा और यहीं से पेपर बेचने वालों के हाथ लग गया.
संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद की हुई थी मीटिंग
जिसके बाद यूपी के प्रमुख गैंग्स ने हाथ मिलाया और परीक्षा से कई घंटे पहले ही ये पेपर यूपी के कई शहरों में हज़ारों लोगों के पास पहुंच गया. जांच में साफ हो गया है कि पेपर छापने का ठेका मिलने से पहले ही संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद की एक मीटिंग नोएडा के एक नामी होटल में हुई थी. बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में ही पेपर आउट कराने की साज़िश रची गई. इस मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज भी जांच एजेंसियों के पास आ गया है.
अबतक की जांच में प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर लीक होने की पुष्टि
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश भी कहते हैं कि अबतक की जांच में प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर लीक होने की पुष्टि हो रही है. आपको बताते चलें कि रविवार को UPTET की परीक्षा होने से कई घंटे पहले पेपर आउट हो गया था. करीब 20 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर परीक्षा रद्द होने से उन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ा.
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