यूपी असेंबली के पास गोली चलने से एक बार को अफरा तफरी का माहौल हो गया. (फाइल फोटो)
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2021 (Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Religious Conversion Bill-2021) को यूपी विधानसभा (UP Assembly) से ध्वनिमत से पारित हो गया है. विधेयक को सदन के पटल पर विचार के लिए रखा गया था, जिस पर जिसके बाद विपक्ष ने प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की थी. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि ऐसा पाया गया है कि धर्म परिवर्तित कर धोखाधड़ी करके शादी की जा रही है, जिस पर हम लोगों ने सज़ा का प्रावधान किया है.
आज 4 महत्वपूर्ण विधेयक विधानसभा में रखे गए. इनमें उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को सदन के पटल पर रखा गया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपति विरुपण विधेयक 2021 को पुनर्स्थापित किया गया. मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2021 को पुनर्स्थापित किया गया और उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2021 पारित किया गया.
इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव में विपक्ष का संशोधन ध्वनिमत से गिरा. ध्वनिमत से ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ पास हो गया.
हाईकोर्ट में दी गई है चुनौती
बता दें इससे पहले धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. गौरतलब है कि योगी सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण अध्यादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चार अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है. जिसमें अध्यादेश को रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में धर्मांतरण कानून कानून के दुरुपयोग होने की आशंका जाहिर की गई है. याचिका में कहा गया है की इस कानून के जरिए समाज विशेष के लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा, यह कानून विधि सम्मत नहीं है. साथ ही संविधान के खिलाफ बताते हुए रद्द किए जाने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ये मांग की थी खारिज
याची अधिवक्ता रमेश कुमार के मुताबिक 25 जनवरी को पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सभी याचिकाओं को सुने जाने की अर्जी दाखिल होने का हवाला देते हुए सुनवाई के लिए समय मांगा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले में किसी तरीके से रोक लगाने या हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए राज्य सरकार की मांग खारिज कर दी था.
आज ही हाईकोर्ट में होनी थी सुनवाई
जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई. राज्य सरकार की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता ने सॉलिसिटर जनरल के कोर्ट में पेश ना हो पाने का हवाला देते हुए समय मांगा. मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस संजय यादव और जस्टिस जयंत बनर्जी की डिवीजन बेंच ने आखिरी सुनवाई के लिए 24 फरवरी की तारीख तय कर दी थी.
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Tags: Anti conversion bill, Lucknow News Update, UP news updates
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