Uttar Pradesh में हुए एमएलसी चुनाव में शर्मा गुट की हार, बीजेपी की तूती बोली

यूपी विधान परिषद के चुनाव में पहली बार उतरी बीजेपी को वोटरों ने पसंद किया.
ओमप्रकाश शर्मा की हार से माध्यमिक शिक्षक संघ की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. शर्मा गुट की हार ने शिक्षक राजनीति की दिशा बदल दी है. पहली बार मैदान में उतरी बीजेपी ने जीत का दमखम दिखा दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 5, 2020, 1:41 AM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की विधान परिषद (UP Legislative Council) की 11 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. शिक्षक चुनाव में शर्मा गुट का वर्चस्व खत्म हो चुका. योगी सरकार पर विश्वास और सुनील बंसल की बिसात ने दिखाया इस चुनाव पर अपना रंग दिखाया है. बीजेपी के श्रीचंद शर्मा को 7187 वोट मिले. वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष और सिटिंग एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा को 3003 वोट ही मिल सके. पहली वरीयता के आधार पर बीजेपी के श्रीचंद शर्मा ने 4184 वोटों से बढ़त बना ली थी. द्वितीय वरीयता के मतों के आधार पर श्रीचंद शर्मा ने ओपी शर्मा को 4187 वोटों से हरा दिया. लखनऊ शिक्षक सीट से बीजेपी प्रत्याशी उमेश द्विवेदी ने 3247 वोटों से जीत दर्ज की. चंदेल गुट के निर्दलीय प्रत्याशी महेंद्रनाथ राय दूसरे नंबर पर रहे. मुरादाबाद-बरेली खंड में 7,960 वोट के बड़े अंतर से बीजेपी के डॉ. हरी सिंह ढिल्लो ने चुनाव जीता.
गोरखपुर में शर्मा गुट तीसरी बार जीता
गोरखपुर –फैजाबाद शिक्षक सीट पर शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. बीजेपी ने इस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा था. चंदेल गुट के अजय सिंह को 1935 वोट से शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मात दी.
वाराणसी में समाजवादी पार्टी ने दिखाया दमखमवाराणसी सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी उतारने के बजाय चेतनारायण सिंह का समर्थन किया था, जिनके लिए पार्टी नेताओं ने वोट भी मांगे थे. इसके बावजूद तेजनारायण सिंह को सपा के लाल बिहारी यादव ने मात देकर अपना कब्जा जमाया है.
बीजेपी की जीत पर प्रवक्ताओं ने हर्ष जताया
बीजेपी प्रवक्ता हीरो वाजपेयी कहते हैं कि शिक्षक नेता ओमप्रकाश शर्मा का पिछले 48 साल से मेरठ सीट पर दबदबा था. ओमप्रकाश शर्मा की हार से माध्यमिक शिक्षक संघ की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. शर्मा गुट की हार ने शिक्षक राजनीति की दिशा बदल दी है. पहली बार मैदान में उतरी बीजेपी ने जीत का दमखम दिखा दिया है, वहीं बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि 48 साल से जमे शर्मा गुट को पटखनी देना बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है. शिक्षकों ने योगी सरकार पर विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि महामंत्री संगठन सुनील बंसल की चुनावी बिसात और योगी सरकार के काम ने ये नतीजे दिए हैं.
गोरखपुर में शर्मा गुट तीसरी बार जीता
गोरखपुर –फैजाबाद शिक्षक सीट पर शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. बीजेपी ने इस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा था. चंदेल गुट के अजय सिंह को 1935 वोट से शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मात दी.
वाराणसी में समाजवादी पार्टी ने दिखाया दमखमवाराणसी सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी उतारने के बजाय चेतनारायण सिंह का समर्थन किया था, जिनके लिए पार्टी नेताओं ने वोट भी मांगे थे. इसके बावजूद तेजनारायण सिंह को सपा के लाल बिहारी यादव ने मात देकर अपना कब्जा जमाया है.
बीजेपी की जीत पर प्रवक्ताओं ने हर्ष जताया
बीजेपी प्रवक्ता हीरो वाजपेयी कहते हैं कि शिक्षक नेता ओमप्रकाश शर्मा का पिछले 48 साल से मेरठ सीट पर दबदबा था. ओमप्रकाश शर्मा की हार से माध्यमिक शिक्षक संघ की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है. शर्मा गुट की हार ने शिक्षक राजनीति की दिशा बदल दी है. पहली बार मैदान में उतरी बीजेपी ने जीत का दमखम दिखा दिया है, वहीं बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि 48 साल से जमे शर्मा गुट को पटखनी देना बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है. शिक्षकों ने योगी सरकार पर विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि महामंत्री संगठन सुनील बंसल की चुनावी बिसात और योगी सरकार के काम ने ये नतीजे दिए हैं.