सियासी हलकों में राम जन्म भूमि आंदोलन से जुड़े कई नामचीन चेहरों के राम मंदिर भूमि पूजन समारोह में शामिल न होने को लेकर बहुत सी वजहें गिनाई जा रही हैं, कुछ अनर्गल तर्क भी गढ़े जा रहे हैं, लेकिन इन लोगों का ना शामिल होना बिल्कुल महत्वहीन मानकर अनदेखा भी नहीं किया जा सकता है.
लखनऊ. अयोध्या में कल बहुप्रतीक्षित राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) का भूमि पूजन (bhumi poojan in Ayodhya) है. राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश में जोश की लहर है. लेकिन राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे इस आंदोलन से जुड़े पुराने व महत्वपूर्ण लोगों के कार्यक्रम में पहुंचने की संभावनाएं और कम होती जा रही हैं जिसे लेकर सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. पहले कल्याण सिंह (Kalyan Singh) और उमा भारती (Uma Bharti) के संबंध में खबर आई कि वे कतिपय कारणों की वजह से कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. अब राममंदिर आंदोलन के दौरान बजरंगी के नाम से प्रसिद्ध हुए विनय कटियार (Vinay Katiyar) के भी कार्यक्रम में पहुंचने की संभावनाएं क्षीण होती दिख रही हैं.
कमर दर्द से परेशान हैं विनय कटियार!
विनय कटियार से News 18 संवाददाता ने जब भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंचने के बारे में पूछा तो उनका कहना कि वो कमर दर्द से परेशान हैं और ऐसे में तीन-चार घंटे बैठना उनके लिए मुश्किल होगा. कार्यक्रम में जाने पर लंबे समय तक बैठना होगा और स्वास्थ्य कारणों से वो संभव नहीं हो पाएगा इसलिए वह भी कार्यक्रम में जाने से परहेज ही करेंगे. राममंदिर भूमि पूजन समारोह की भव्यता के साथ ही इस आंदोलन से शुरुआती दौर से ही महत्त्वपूर्ण रुप में जुड़े पुराने नेताओं का कार्यक्रम में न पहुंचना भी खासी आश्चर्य में डालने वाली बात नजर आ रही है.
सियासी हलकों में राम जन्म भूमि आंदोलन से जुड़े कई नामचीन चेहरों के समारोह में शामिल न होने को लेकर बहुत सी वजहें गिनाई जा रही हैं. कुछ अनर्गल तर्क भी गढ़े जा रहे हैं. लेकिन इन लोगों का ना शामिल होना बिल्कुल महत्वहीन मानकर अनदेखा भी नहीं किया जा सकता है. राम मंदिर आंदोलन के प्रणेता विवादित ढांचे के ध्वंश के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश कल्याण सिंह ने जब News 18 को ख़ास इंटरव्यू दिया था तो काफी खुश थे कि वे 4 अगस्त को अयोध्या पहुंच जाएंगे और ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनेंगे. लेकिन अब उनके अयोध्या नहीं जाने की खबर के बाद जब उनसे बात करने की कोशिश की गई, तो बात नहीं हो पाई. गौरतलब है कि मंदिर आंदोलन मे अग्रणी भूमिका निभाने वाली मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सरयू के किनारे रहने का और कार्यक्रम के बाद रामलला का दर्शन करने की बात कही है.
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