कोरोना वॉरियर दरोगा का पत्र वायरल- SSP कानपुर ने बचाव की नहीं दी किट, जान जोखिम में डालकर निभाई ड्यूटी, दें ईनाम

दरोगा अशोक कुमार ने कोरोना ड्यूटी को लेकर एसपी से ईनाम की मांग की है. सांकेतिक फोटो.
मामले में कानपुर (Kanpur) के एसएसपी अनंद देव का कहना है कि उन्होंने अपने एसपी पश्चिम डॉक्टर अनिल कुमार को कोरोना सेल का प्रभारी बनाया है, जो ख़ुद डॉक्टर हैं. वो पूरी गाइडलाइंस के मुताबिक सुरक्षा संसाधनों के साथ ड्यूटी लगाते हैं. इस दारोगा के मामले की जानकारी नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated: May 18, 2020, 3:40 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में एसएसपी पर फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) के दारोगा ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा संसाधनों के बगैर ही उससे कोरोना वार्ड (Corona Ward) में ड्यूटी कराई गई. दरोगा का कहा है कि पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर भी नहीं दिया गया. यही नहीं ड्यूटी खत्म होने के बाद कैदियों को लाने ले जाने वाहन में बिठाकर उसे फतेहगढ़ भेजा गया.
पता चला है कि दरोगा अशोक कुमार फतेहगढ़ से कोरोना ड्यूटी पर अटैच था. उसकी फतेहगढ़ के एसपी ऑफिस में तैनाती है. दरोगा ने अब एसपी फर्रुखाबाद को पत्र लिखकर 10 हजार रुपए के नकद ईनाम की मांग भी की है. सोशल मीडिया पर दरोगा ये पत्र वायरल हो रहा है.
उधर मामले में कानपुर के एसएसपी अनंद देव का कहना है कि उन्होंने अपने एसपी पश्चिम डॉक्टर अनिल कुमार को कोरोना सेल का प्रभारी बनाया है, जो ख़ुद डॉक्टर हैं. वो पूरी गाइडलाइंस के मुताबिक सुरक्षा संसाधनों के साथ ड्यूटी लगाते हैं. इस दारोगा के मामले की जानकारी नहीं है.
4 से 20 अप्रैल तक हैलट अस्पताल में की ड्यूटीअपने पत्र में दरोगा ने लिखा है कि प्रभारी निरीक्षक, स्वरूपनगर द्वारा 3 अप्रैल और 7 अप्रैल को उसकी ड्यूटी हैलट अस्पताल, कानपुर के ओल्ड मैंस नर्सिंग हॉस्टल के बैरियर नंबर 2 पर लगाई गई. यहां उसने 4 अप्रैल से 20 अप्रैल तक लगातारा कोरोना पॉजिटिव करीब दो दर्जन गरीबों की सुरक्षा व्यवस्था में ड्यूटी की. एसएसपी, कानपुर द्वारा उसे ड्यूटी के दौरान कोरोना से कोई भी सुरक्षा उपकरण पीपीई किट, मास्क, सैनेटाइजर, कैप एवं ग्लब्स आदि नहीं दिया गया. जबकि समूचा हैलट हॉस्पिटल हाई रिस्क जोन घोषित किया जा चुका था. इसके बावजूद वह अपनी जान जोखिम में डालकर देशहित में अपनी ड्यूटी करता रहा.

कैदियों की गाड़ी में भेजा फतेहगढ़
इसके बाद उसे 20 अप्रैल को कैदियों/बंदियों की गाड़ी से रिजर्व पुलिस लाइंस, कानपुर से पुलिस लाइंस फतेहगढ़ भेज दिया गया. वह खुद को अपमानित, उदास, हताश, निराश, व्यथित, उत्पीड़ित और मनोबल गिरा हुआ महसूस कर रहा है. अनुरोध है कि प्रार्थी द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर किए गए सराहनीय कार्य के एवज में उत्साहवर्द्धन के लिए उसे कम से कम 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाए.
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पता चला है कि दरोगा अशोक कुमार फतेहगढ़ से कोरोना ड्यूटी पर अटैच था. उसकी फतेहगढ़ के एसपी ऑफिस में तैनाती है. दरोगा ने अब एसपी फर्रुखाबाद को पत्र लिखकर 10 हजार रुपए के नकद ईनाम की मांग भी की है. सोशल मीडिया पर दरोगा ये पत्र वायरल हो रहा है.
उधर मामले में कानपुर के एसएसपी अनंद देव का कहना है कि उन्होंने अपने एसपी पश्चिम डॉक्टर अनिल कुमार को कोरोना सेल का प्रभारी बनाया है, जो ख़ुद डॉक्टर हैं. वो पूरी गाइडलाइंस के मुताबिक सुरक्षा संसाधनों के साथ ड्यूटी लगाते हैं. इस दारोगा के मामले की जानकारी नहीं है.
4 से 20 अप्रैल तक हैलट अस्पताल में की ड्यूटीअपने पत्र में दरोगा ने लिखा है कि प्रभारी निरीक्षक, स्वरूपनगर द्वारा 3 अप्रैल और 7 अप्रैल को उसकी ड्यूटी हैलट अस्पताल, कानपुर के ओल्ड मैंस नर्सिंग हॉस्टल के बैरियर नंबर 2 पर लगाई गई. यहां उसने 4 अप्रैल से 20 अप्रैल तक लगातारा कोरोना पॉजिटिव करीब दो दर्जन गरीबों की सुरक्षा व्यवस्था में ड्यूटी की. एसएसपी, कानपुर द्वारा उसे ड्यूटी के दौरान कोरोना से कोई भी सुरक्षा उपकरण पीपीई किट, मास्क, सैनेटाइजर, कैप एवं ग्लब्स आदि नहीं दिया गया. जबकि समूचा हैलट हॉस्पिटल हाई रिस्क जोन घोषित किया जा चुका था. इसके बावजूद वह अपनी जान जोखिम में डालकर देशहित में अपनी ड्यूटी करता रहा.

फतेहगढ़ के दरोगा का पत्र
कैदियों की गाड़ी में भेजा फतेहगढ़
इसके बाद उसे 20 अप्रैल को कैदियों/बंदियों की गाड़ी से रिजर्व पुलिस लाइंस, कानपुर से पुलिस लाइंस फतेहगढ़ भेज दिया गया. वह खुद को अपमानित, उदास, हताश, निराश, व्यथित, उत्पीड़ित और मनोबल गिरा हुआ महसूस कर रहा है. अनुरोध है कि प्रार्थी द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर किए गए सराहनीय कार्य के एवज में उत्साहवर्द्धन के लिए उसे कम से कम 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाए.
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