अस्पतालों में भर्ती होने वाले अधिकतर लोग वो हैं जिन्होंने बूस्टर खुराक नहीं लगवाई है.
लखनऊ. ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार GRAP यानी ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया है. इसके तहत येलो अलर्ट जारी किया गया है. क्या आप जानते हैं कि यह GRAP है क्या और यह किस तरह से काम करता है और क्या ये उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जा सकता है. यही सब सवालों के बीच आपको बताते हैं जीआरएपी क्या है और ये कैसे काम करता है. इसमें कितनी कैटेगरी होती हैं.
GRAP मुख्यत: तीन मापदंडों पर आधारित है. इसमें पॉजिटिविटी रेट, कोविड-19 के नए पॉजिटिव केस और उपलब्ध ऑक्सीजन बेड्स में से कितने भरे हुए हैं. इनका विश्लेषण करने के बाद चार रंगों के अलर्ट जारी किए जाते हैं. ये रंग हैं, यैलो, अंबर, ऑरेंज और रेड. इस प्लान को बीते वर्ष की बना लिया गया था और इसमें ये चार कैटेगरी निर्धारित की गई थीं.
YELLOW ALERT: अगर दो दिनों तक Positivity rate 0.5 फीसदी या उससे ऊपर होती है या एक हफ्ते में 1500 नए केस सामने आते हैं. तो इसके बाद यैलो अलर्ट जारी किया जाता है. इसके तहत Odd/Even के फॉर्मूले पर दुकानें खुलती हैं. निगम इलाकों में सिर्फ एक साप्ताहिक बाजार ही खुलने की अनुमति होती है. सिनेमा हाल, जिम, स्कूल आदि बंद हो जाते हैं.
AMBER ALERT – अगर दो दिनों तक Positivity rate 1 फीसदी रहती है या हफ्ते में 3500 नए मामले सामने आते हैं तो अंबर अलर्ट जारी कर दिया जाता है. इस दौरान भी सिनेमा हॉल, जिम, स्कूल आदि बंद कर दिए जाते हैं. बाजारों में दुकानों को खुलने की अनुमति भी सुबह 10 से शाम 6 बजे तक ही रहती है.
ORANGE ALERT: अगर दो दिनों तक positivity rate 2 फीसदी तक रहती है या हफ्ते में 9000 नए मामले सामने आते हैं तो ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया जाता है. इसके जारी होने के साथ ही मॉल/दुकानें, मेट्रो सेवाओं को बंद कर दिया जाता है. वहीं बस सेवा को भी 50 फीसदी क्षमता के साथ चलने की अनुमति होती है.
RED ALERT: रेड अलर्ट एक गंभीर स्थिति होती है. इसके तहत यदि 2 दिनों तक positivity rate 5 फीसदी से अधिक या हफ्ते में 16000 नए मामले सामने आते हैं तो इसे तत्काल लागू कर दिया जाता है. इस दौरान पूरी तरह से कर्फ्यू के हालात होते हैं और जरूरी वस्तुओं की बिक्री के अलावा हर तरह की आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.
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