का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में राज्यपाल राम नाईक और
के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए. गोष्ठी के दौरान राजनाथ सिंह ने अटल जी के साथ जुड़ी कुछ यादगार पलों को साझा किया.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि एक बार जब वह यूपी के मुख्यमंत्री थे, तब सरकार बनाने की तालमेल की बात चल रही थी. मैं उसका सख्त विरोधी था और हर प्लेटफॉर्म पर मैंने अपनी बात पुरजोर तरीके से रखी थी. अटल जी को ये बात कुछ अटपटी लगी कि मेरा स्टैंड जानते हुए भी राजनाथ सिंह ये स्टैंड ले रहे हैं, जहां भी मीटिंग होती है, वहां अपनी बात रखते हैं. मुझे लगा कि अटल जी मुझसे थोड़ा दुखी हुए. जब उस दौरान वह कभी मिलते थे तो मुंह फेर लेते थे. वे बोलते ही नहीं थे, लेकिन जब फैसला हो गया और जो वह चाहते थे, वैसा ही मैंने विधानसभा में बोला, चूंकि पार्टी का निर्णय था. इसके बाद उनका टेलीफोन आता है.
खुद प्रधानमंत्री फोन पर पूछते हैं कि कहां हैं, मैंने कहा, मैं यही हूं. इस पर उन्होंने कहा कि क्या आप मुझे अपना दर्शन दे सकते हैं. शाम को आ जाइए. थोड़ी देर में उनके कार्यालय से फोन आया कि साहब ने पूछा है कि वेज लेते हैं या नॉनवेज लेते हैं. मैंने कहा कि वेज लेते हैं. इसके फौरन बाद फिर से अटल जी का फोन आया. उन्होंने कहा कि कैसे ठाकुर हैं कि कट पिट नहीं खाते.
राजनाथ सिंह ने कहा कि अटल जी विराट व्यक्तित्व के व्यक्ति थे. एक सामान्य कार्यकर्ता से भी बेहद सहजता से बात करते थे. अटल जी ने कारगिल युद्ध के साथ ही कूटनीति के भी मैदान में जीत हासिल की. अटल जी जैसा भारत में न कोई हुआ है और न होगा. राजनाथ सिंह ने इस दौरान 25 दिसंबर के दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने पर सीएम योगी की तारीफ की.
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FIRST PUBLISHED : December 25, 2018, 16:19 IST