400 से अधिक कानून को खत्म कर चुकी योगी सरकार, टारगेट पर 100 साल पुराने कानून!

400 से अधिक कानून को खत्म कर चुकी योगी सरकार (file photo)
यूपी सरकार के विधि और कानून मंत्री (Law Minister) ब्रजेश पाठक ने कहा कि इसके लिए विभागों को निर्देशित कर दिया गया है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: November 27, 2020, 7:18 PM IST
लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ "EASE OF DOING BUSINESS" के तहत 100 साल के सभी पुराने कानूनों को खत्म करेगी जो विकास में बाधक बनेंगे. इसके तहत योगी सरकार (Yogi Government) 2017 से अभी तक 424 कानूनों को खत्म कर चुकी है. कानून मंत्री ब्रजेश पाठक कहते हैं कि पीएम मोदी के निर्देश पर योगी सरकार पुराने कानूनों को खत्म करने पर काम कर रही है. योगी सरकार के टारगेट पर 100 साल पुराने वे कानून हैं जो अब पूरी तरह निष्प्रयोज्य हो गए हैं. इसके साथ ही वे कानून जो आम जनता के लिए मुश्किलें पैदा करती हैं वे भी योगी सरकार के निशाने पर हैं.
यूपी सरकार के विधि और कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इसके लिए विभागों को निर्देशित कर दिया गया है, जब विभाग अपनी अनापत्ति दे देते हैं तो फिर सरकार उसको विधेयक के रूप में सदन के पटल पर लाती है. और इस तरह पुराने कानूनों को खत्म कर योगी सरकार जनहित के नये कानून लाती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 2017 से इस काम को लगातार अंजाम दिया जाता रहा है और इस तरह 424 कानूनों को खत्म किया जा चुका है.
100 साल पुराने कानून पर नजर
कानून मंत्री ने बताया कि 100 साल पुराने कानून भी बने हुए हैं जैसे यूपी रूल्स रेगुलेटिंग द ट्रांसपोर्ट टिंबर इन कुमाऊं सिविल डिवीजन -1920’. इस कानून को बने 100 साल हो गए. 20 साल पहले तो कुमाऊं क्षेत्र समेत पूरा उत्तराखंड अलग राज्य बन गया. लेकिन वन विभाग का यह नियम अभी यूपी में बरकरार है.82 साल पुराना एक और कानून है. ‘यूपी रूल्स रेगुलेटिंग ट्रांजिट आफ टिंबर ऑन द रिवर गंगा एबब गढ़मुक्तेश्वर इन मेरठ डिस्ट्रिक एंड आन इटस ट्रिब्यूटेरिस इन इंडियन टेरिटेरी एबब ऋषिकेश- 1938. ऐसे कानूनों की कितनी उपयोगिता है सरकार इसको देख रही है. गौरतलब है कि सरकार नए नए कानून ला रही है, जिससे नियम कानून को जनहित के लिए बनाया जा सके.
नए कानून लाने पर चर्चा
विकास को ध्यान में रखते हुए इन नियम कानूनों पर भी सरकार की नजर है. इंडियन फारेस्ट यूपी रूल 1964, यूपी कलेक्शन एंड डिस्पोजल ऑफ ड्रिफ्ट एंड स्टैंडर्ड वुड एण्ड टिंबर रूल्स, यूपी कंट्रोल आफ सप्लाई डिस्ट्रब्यूशन एंड मूवमेंट आफ फ्रूट प्लांटस आर्डर-1975, यूपी फारेस्ट टिंबर एंड ट्रांजिट ऑन यमुना, टन व पबर नदी रूल्स 1963.
50 कानून जल्द ही होंगे खत्म- कानून मंत्री
यूपी प्रोडयूस कंट्रोल, यूपी प्रोविंसेस प्राइवेट फारेस्ट एक्ट, यूपी कैरोसीन कंट्रोल आर्डर 1962, यूपी सेल्स ऑफ मोटर स्प्रिट, डीजल ऑयल एंड अल्कोहल टैक्सेशन एक्त 1939 जैसे कानूनों पर भी सरकार की नजर है. ऐसे ही लगभग पचास कानून जल्द ही खत्म होंगे या दूसरे कानूनों के साथ विलय कर दिया जाएगा. पुराने कानून को खत्म करते हुए सीएम ने मंत्रियों से कहा था कि अपना टैक्स खुद चुकाएं. ऐसे ही जनहित और विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार एक बार फिर लगभग 50 कानूनों को खत्म करने का निर्णय लेने जा रही है.
यूपी सरकार के विधि और कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इसके लिए विभागों को निर्देशित कर दिया गया है, जब विभाग अपनी अनापत्ति दे देते हैं तो फिर सरकार उसको विधेयक के रूप में सदन के पटल पर लाती है. और इस तरह पुराने कानूनों को खत्म कर योगी सरकार जनहित के नये कानून लाती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 2017 से इस काम को लगातार अंजाम दिया जाता रहा है और इस तरह 424 कानूनों को खत्म किया जा चुका है.
100 साल पुराने कानून पर नजर
कानून मंत्री ने बताया कि 100 साल पुराने कानून भी बने हुए हैं जैसे यूपी रूल्स रेगुलेटिंग द ट्रांसपोर्ट टिंबर इन कुमाऊं सिविल डिवीजन -1920’. इस कानून को बने 100 साल हो गए. 20 साल पहले तो कुमाऊं क्षेत्र समेत पूरा उत्तराखंड अलग राज्य बन गया. लेकिन वन विभाग का यह नियम अभी यूपी में बरकरार है.82 साल पुराना एक और कानून है. ‘यूपी रूल्स रेगुलेटिंग ट्रांजिट आफ टिंबर ऑन द रिवर गंगा एबब गढ़मुक्तेश्वर इन मेरठ डिस्ट्रिक एंड आन इटस ट्रिब्यूटेरिस इन इंडियन टेरिटेरी एबब ऋषिकेश- 1938. ऐसे कानूनों की कितनी उपयोगिता है सरकार इसको देख रही है. गौरतलब है कि सरकार नए नए कानून ला रही है, जिससे नियम कानून को जनहित के लिए बनाया जा सके.
नए कानून लाने पर चर्चा
विकास को ध्यान में रखते हुए इन नियम कानूनों पर भी सरकार की नजर है. इंडियन फारेस्ट यूपी रूल 1964, यूपी कलेक्शन एंड डिस्पोजल ऑफ ड्रिफ्ट एंड स्टैंडर्ड वुड एण्ड टिंबर रूल्स, यूपी कंट्रोल आफ सप्लाई डिस्ट्रब्यूशन एंड मूवमेंट आफ फ्रूट प्लांटस आर्डर-1975, यूपी फारेस्ट टिंबर एंड ट्रांजिट ऑन यमुना, टन व पबर नदी रूल्स 1963.
50 कानून जल्द ही होंगे खत्म- कानून मंत्री
यूपी प्रोडयूस कंट्रोल, यूपी प्रोविंसेस प्राइवेट फारेस्ट एक्ट, यूपी कैरोसीन कंट्रोल आर्डर 1962, यूपी सेल्स ऑफ मोटर स्प्रिट, डीजल ऑयल एंड अल्कोहल टैक्सेशन एक्त 1939 जैसे कानूनों पर भी सरकार की नजर है. ऐसे ही लगभग पचास कानून जल्द ही खत्म होंगे या दूसरे कानूनों के साथ विलय कर दिया जाएगा. पुराने कानून को खत्म करते हुए सीएम ने मंत्रियों से कहा था कि अपना टैक्स खुद चुकाएं. ऐसे ही जनहित और विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार एक बार फिर लगभग 50 कानूनों को खत्म करने का निर्णय लेने जा रही है.