राजस्थान: यूपी के करीब 5800 छात्रों का हो रहा मेडिकल चेकअप, अफसर बोले- परिजन परेशान न हों

उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में बच्चे कोटा स्थित कोचिंग संस्थानों में पढ़ते हैं जो पिछले कई दिनों से वहीं फंस गए हैं और उनके परिजन चिंतित हैं. (सांकेतिक फोटो)
नोडल अधिकारी बाबू लाल मीणा ने बताया कि एक छात्र के कोरोना (COVID-19) संदिग्ध होने की खबर थी, जिसके बाद एहतियात के तौर पर सभी का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छात्रों के परिजन परेशान न हों. जल्द ही उनके बच्चे उनके साथ होंगे.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: April 17, 2020, 2:50 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने राजस्थान (Rajasthan) में फंसे यूपी के छात्रों के प्रति चिंता जताई है. जानकारी के मुताबिक राजस्थान में यूपी के लगभग 5800 छात्र हैं. अन्य राज्यों के छात्र भी राजस्थान में हैं. कोटा (Kota) के डीएम के साथ हम लगातार बात कर रहे हैं. सभी छात्रों का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि एक छात्र के कोरोना संदिग्ध होने की खबर थी, जिसके बाद एहतियात के तौर पर सभी का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है. सरकार ने कहा है कि छात्रों के परिजन परेशान न हों. जल्द ही उनके बच्चे उनके साथ होंगे.
कोटा में देश भर से हजारों छात्र फंसे हैं
जानकारी के अनुसार कोटा में यूपी के करीब 7500 बच्चे लॉकडाउन के चलते फंसे हुए हैं. वहीं देश के अलग-अलग शहरों से आए करीब 30 हजार बच्चे यहां पर अपने होस्टलों में फंस गए हैं. यदि अन्य राज्यों की बात की जाए तो बिहार के करीब 6500, मध्य प्रदेश के 4000, झारखंड के 3000, हरियाणा के 2000, महाराष्ट्र के 2000, नार्थ ईस्ट के 1000 और पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 छात्रों के साथ कई अन्य क्षेत्रों के बच्चे भी इनमें शामिल हैं.इनपुट: अनामिका सिंह
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उन्होंने बताया कि एक छात्र के कोरोना संदिग्ध होने की खबर थी, जिसके बाद एहतियात के तौर पर सभी का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है. सरकार ने कहा है कि छात्रों के परिजन परेशान न हों. जल्द ही उनके बच्चे उनके साथ होंगे.
कोटा में देश भर से हजारों छात्र फंसे हैं
जानकारी के अनुसार कोटा में यूपी के करीब 7500 बच्चे लॉकडाउन के चलते फंसे हुए हैं. वहीं देश के अलग-अलग शहरों से आए करीब 30 हजार बच्चे यहां पर अपने होस्टलों में फंस गए हैं. यदि अन्य राज्यों की बात की जाए तो बिहार के करीब 6500, मध्य प्रदेश के 4000, झारखंड के 3000, हरियाणा के 2000, महाराष्ट्र के 2000, नार्थ ईस्ट के 1000 और पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 छात्रों के साथ कई अन्य क्षेत्रों के बच्चे भी इनमें शामिल हैं.इनपुट: अनामिका सिंह
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