UP: उपद्रवियों से वसूली के लिए 'ट्रिब्यूनल' बनाने की तैयारी में योगी सरकार

उपद्रवियों से वसूली के लिए 'ट्रिब्यूनल' बनाने की तैयारी में योगी सरकार (file photo)
इस ट्रिब्यूनल के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी क्योंकि इस ट्रिब्यूनल के पास अदालती अधिकार होंगे. वहीं अभी तक जो अधिकार सरकार ने एडीएम को दे रखे थे, वे सभी अधिकार इस ट्रिब्यूनल के पास होंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: March 15, 2020, 3:29 PM IST
लखनऊ. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Aditya Nath) ने दंगे के आरोपियों से संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के मामले में कतई पीछे हटने को तैयार नहीं है. इसी कड़ी में सरकार उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश के तहत एक ट्रिब्यूनल बनाने की तैयारी कर रही है. इस ट्रिब्यूनल में रिटायर्ड जिला जज चेयरमैन होंगे. अध्यादेश के मुताबिक ट्रिब्यूनल के चेयरमैन के अलावा एक और सदस्य होगा. यह सदस्य असिस्टेंट कमिश्नर लेवल का होगा. वहीं इस ट्रिब्यूनल के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी क्योंकि इस ट्रिब्यूनल के पास अदालती अधिकार होंगे. वहीं अभी तक जो अधिकार सरकार ने एडीएम को दे रखे थे, वे सभी अधिकार इस ट्रिब्यूनल के पास होंगे.
वहीं ट्रिब्यूनल प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति के तोड़फोड़ या नुकसान की भरपाई के लिए कड़े प्रावधान रखेगा, जिसके तहत आरोपी की संपत्ति जब्त करने से लेकर आरोपियों की तस्वीरों को प्रसारित करने का भी अधिकार होगा. अभी तक योगी सरकार साल 2011 के शासनादेश यानी GO के तहत कार्रवाई की थी लेकिन अब अध्यादेश के बाद ट्रिब्यूनल बनाने के साथ ही कानूनी तौर पर सरकार को आसानी होगी.
बता दें कि लखनऊ में 19 दिसंबर को सीएए प्रोटेस्ट के दौरान जमकर बवाल हुआ था. इसके बाद सरकार ने हिंसा के आरोप में दर्जनों लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, 57 लोगों को नोटिस भेजकर निजी और सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही इन सभी 57 लोगों की तस्वीरों वाला पोस्टर शहर में जगह-जगह लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस ने लगवाए थे. इसके बाद यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. वहीं, कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी ने भी इसका घोर विरोध किया था.
ये भी पढ़ें:BSP के पूर्व सांसद समेत कई नेता सपा में शामिल, अखिलेश बोले- मैंने किया था सीएम योगी को फोन
वहीं ट्रिब्यूनल प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति के तोड़फोड़ या नुकसान की भरपाई के लिए कड़े प्रावधान रखेगा, जिसके तहत आरोपी की संपत्ति जब्त करने से लेकर आरोपियों की तस्वीरों को प्रसारित करने का भी अधिकार होगा. अभी तक योगी सरकार साल 2011 के शासनादेश यानी GO के तहत कार्रवाई की थी लेकिन अब अध्यादेश के बाद ट्रिब्यूनल बनाने के साथ ही कानूनी तौर पर सरकार को आसानी होगी.
बता दें कि लखनऊ में 19 दिसंबर को सीएए प्रोटेस्ट के दौरान जमकर बवाल हुआ था. इसके बाद सरकार ने हिंसा के आरोप में दर्जनों लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, 57 लोगों को नोटिस भेजकर निजी और सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही इन सभी 57 लोगों की तस्वीरों वाला पोस्टर शहर में जगह-जगह लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस ने लगवाए थे. इसके बाद यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. वहीं, कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी ने भी इसका घोर विरोध किया था.
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