योगी सरकार ने ओमप्रकाश राजभर को किया बर्खास्त, राज्यपाल ने दी मंजूरी

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल रामनाथ नाइक से सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्री पद से बर्खास्त करने की सिफारिश की है.
- News18Hindi
- Last Updated: May 20, 2019, 11:31 AM IST
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही अब बीजेपी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का नाता आज पूरी तरह से ख़त्म हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल राज्यपाल राम नाईक से सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्री पद से बर्खास्त करने की सिफारिश की है. राज्यपाल ने मंजूरी दे दी हैं. बीजेपी और योगी सरकार ने राजभर से अलग होने का मन पूरी तरह से बना लिया है. राजभर पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री थे.
उधर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी की सिफारिश के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह फैसला 20 दिन पहले लेना चाहिए था. हालांकि उन्होंने अपनी बर्खास्तगी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सही फैसला किया है.
न्यूज18 से बातचीत में राजभर ने कहा कि उन्होंने मंत्री रहते लगातार पिछड़ों के अधिकार की बात उठाई. यही बात मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी. उन्होंने कहा, "मैं पिछड़ा कल्याण वर्ग का मंत्री था. लिहाजा मेरा कर्तव्य था कि मैं उनकी बात उठाता. मैंने पिछड़ों को छात्रवृत्ति की बात उठाई, लेकिन मुख्यमंत्री के पास समय नहीं था."
बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल व अन्य सदस्य, जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य हैं, सभी को तत्काल प्रभाव से हटाया है.इसके अलावा राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष व सदस्य थे, सभी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. आपको बता दें कि राजभर ने पहले भी इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था.
बीजेपी द्वारा आम चुनावों में 'सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी' को उत्तर प्रदेश की एक भी सीट नहीं दिए जाने के बाद राजभर ने योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी ने इसके बाद 36 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा. सातवें चरण के चुनाव प्रचार के दौरान राजभर घोसी संसदीय क्षेत्र की एक सभा में तो वह भाजपा को गाली देते हुए नजर आए. इस मामले में उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब तो हद हो गई.
इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी से अलग हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर चंदौली में बड़ा बयान दिया था. ओमप्रकाश राजभर ने कहा, "नून रोटी खाएंगे, बीजेपी को हराएंगे."
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उधर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी की सिफारिश के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह फैसला 20 दिन पहले लेना चाहिए था. हालांकि उन्होंने अपनी बर्खास्तगी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सही फैसला किया है.
न्यूज18 से बातचीत में राजभर ने कहा कि उन्होंने मंत्री रहते लगातार पिछड़ों के अधिकार की बात उठाई. यही बात मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी. उन्होंने कहा, "मैं पिछड़ा कल्याण वर्ग का मंत्री था. लिहाजा मेरा कर्तव्य था कि मैं उनकी बात उठाता. मैंने पिछड़ों को छात्रवृत्ति की बात उठाई, लेकिन मुख्यमंत्री के पास समय नहीं था."
बीजेपी द्वारा आम चुनावों में 'सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी' को उत्तर प्रदेश की एक भी सीट नहीं दिए जाने के बाद राजभर ने योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी ने इसके बाद 36 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा. सातवें चरण के चुनाव प्रचार के दौरान राजभर घोसी संसदीय क्षेत्र की एक सभा में तो वह भाजपा को गाली देते हुए नजर आए. इस मामले में उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब तो हद हो गई.
इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी से अलग हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर चंदौली में बड़ा बयान दिया था. ओमप्रकाश राजभर ने कहा, "नून रोटी खाएंगे, बीजेपी को हराएंगे."
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