लखनऊ/मैनपुरी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) दिनों दिन रोचक होता जा रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट (Karhal Assembly seat) से मैदान में उतरने के ऐलान से सियासी पारा बढ़ गया है. वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे और इसके साथ करहल विधानसभा सीट यूपी के साथ देशभर में चर्चा का कारण बन गयी है. यही नहीं, समाजवादी पार्टी की तरफ इस सीट के प्रभारी की भी घोषणा कर दी गयी है. इसकी जिम्मेदारी मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को दी गयी है. वैसे इस वक्त सपा का मैनपुरी की चार में से तीन सीटों पर कब्जा है. सिर्फ भोगांव ही भाजपा के पास है.
अखिलेश यादव के मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने पर कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘पहले वह कह रहे थे कि यूपी की किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन अपने सांसद पिता मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र की करहल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जो कि यादव बाहुल्य सीट है. यह अखिलेश का डर है कि वह कन्नौज, इटावा और आजमगढ़ को छोड़कर सुरक्षित जगह चले गए हैं, लेकिन वह वहां भी चुनाव हारेंगे और भाजपा करहल पर कब्जा करेगी.
यही नहीं, इसके अलावा भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अगर अखिलेश यादव को लगता है कि मैनपुरी की सीट उनके लिए सेफ है तो उनकी यह गलतफहमी है, जिसे हम दूर कर देंगे. लोकसभा चुनाव में उनके पिता मुलायम सिंह यादव बसपा प्रमुख मायावती की व्यक्तिगत अपील करने के बाद चुनाव जीते थे. जबकि भाजपा के 50 से अधिक सांसद लाखों मतों के अंतर से 2019 में निर्वाचित हुए थे. भाजपा उनकी साइकिल को मैनपुरी में ही पंचर कर देगी, ताकि वो एक्सप्रेसवे पर चढ़कर लखनऊ ना पहुंच पाएं.
जानें 5 खास बातें
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