भगवान कृष्ण की नगरी 'मथुरा' में 5000 से अधिक मंदिर, देश-विदेश के भक्तों का लगता है जमावड़ा

भगवान कृष्ण की नगरी 'मथुरा' में 5000 से अधिक मंदिर (file photo)
बता दें कि विश्व के पटल पर मथुरा (Mathura) का अपना एक अलग ही स्थान है और इस नगरी को भगवान कृष्ण की जन्म स्थली व राधा रानी की रास स्थली के रूप में पहचान है.
- News18Hindi
- Last Updated: August 28, 2020, 12:19 PM IST
मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) भारत का प्राचीन नगर है. यहां पर से 500 ईसा पूर्व के प्राचीन अवशेष मिले हैं, जिससे इसकी प्राचीनता सिद्ध होती है. उस काल में शूरसेन देश की यह राजधानी हुआ करती थी. पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया जाता था. श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था. पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी. दोनों को ही कंस ने कारागार में डाल दिया था. उस काल में मथुरा का राजा कंस था, जो श्रीकृष्ण का मामा था. आज यह धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है.
5000 से अधिक मंदिर
बता दें कि विश्व के पटल पर मथुरा का अपना एक अलग ही स्थान है और इस नगरी को भगवान कृष्ण की जन्म स्थली व राधा रानी की रास स्थली के रूप में पहचान है. धर्म नगरी के रूप में अपनी एक पहचान रखने वाली इस नगरी में यू तो घर- घर में मंदिर है. लेकिन प्रमुख मंदिरों के अलावा 5000 से अधिक मंदिर अलग अलग सम्प्रदाय के है. मथुरा वृन्दावन में दिन रात राधे राधे का नाम गुंजायमान होता है. दिन में भगवान की भक्ति में लोग लीन रहते है तो वहीं रात को भगवान निधिवन में खुद राधा के साथ रासलीला कर राधा के नाम को जीवंत करते है.
भगवान कृष्ण की जन्मस्थली के अलावा मथुरा की अपनी एक अलग पहचान पेड़े के लिए भी है. यहां की मिठाई भारत के अलावा विदेशों तक में जाती है. धर्म नगरी कि पहचान रखने वाली इस नगरी की मिठास. जहां देश भर में अपना स्थान बनाये हुए है. वहीं मथुरा कभी एशिया की चांदी की सबसे बड़ी मंडी के रूप में भी अपनी पहचान रख चुकी है.
सूती साड़ी की अलग पहचान
धर्म कर्म मिठास व चमक के साथ साथ मथुरा व्यापारिक रूप से भी अपनी एक अलग पहचान रखे हुए है. गुजरात का सूरत शहर जिस तरह से साड़ियों के लिए अपनी पहचान रखता है. उसी तरह से मथुरा में सूती व सस्ती साड़ी का बड़ा कारोबार है. यहां की बनी हुई साड़ियां सूरत के साथ साथ भारत के गरीबी इलाको में जाती है.

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, पोतरा कुंड, कंकाली मंदिर , द्वारिकाधीश , विश्राम घाट ,यमुना महारान, भूतेश्वर, रांगेश्वर गलतेश्वर , गोकर्णनाथ महादेव का मंदिर मौजूद है. यह सभी कृष्ण की लालाओं से जुड़े स्थान है जिनका वर्णन धर्म ग्रंथो में मिलता है.
मथुरा के प्रमुख मंदिर और आबादी
वृन्दावन के अलावा, बरसाना में राधा जी का श्री जी मंदिर, नंदगांव में कृष्ण बलराम का मंदिर, गोकुल में बाल स्वरूप में विराजमान कृष्ण मंदिर, बल्देव में भगवान कृष्ण के बड़े भाई दाऊजी महाराज व माँ रेवती का मंदिर, गोवर्धन में गिर्राज जी का मंदिर व परिक्रमा, कोसी में कोकिला वन शनिदेव का मंदिर मौजूद है. मथुरा शहर की आबादी लगभग 30 लाख के करीब है.
5000 से अधिक मंदिर
बता दें कि विश्व के पटल पर मथुरा का अपना एक अलग ही स्थान है और इस नगरी को भगवान कृष्ण की जन्म स्थली व राधा रानी की रास स्थली के रूप में पहचान है. धर्म नगरी के रूप में अपनी एक पहचान रखने वाली इस नगरी में यू तो घर- घर में मंदिर है. लेकिन प्रमुख मंदिरों के अलावा 5000 से अधिक मंदिर अलग अलग सम्प्रदाय के है. मथुरा वृन्दावन में दिन रात राधे राधे का नाम गुंजायमान होता है. दिन में भगवान की भक्ति में लोग लीन रहते है तो वहीं रात को भगवान निधिवन में खुद राधा के साथ रासलीला कर राधा के नाम को जीवंत करते है.

बांके बिहारी जी का ऐतिहासिक मंदिर (file photo)
सूती साड़ी की अलग पहचान
धर्म कर्म मिठास व चमक के साथ साथ मथुरा व्यापारिक रूप से भी अपनी एक अलग पहचान रखे हुए है. गुजरात का सूरत शहर जिस तरह से साड़ियों के लिए अपनी पहचान रखता है. उसी तरह से मथुरा में सूती व सस्ती साड़ी का बड़ा कारोबार है. यहां की बनी हुई साड़ियां सूरत के साथ साथ भारत के गरीबी इलाको में जाती है.

प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थल (file photo)
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, पोतरा कुंड, कंकाली मंदिर , द्वारिकाधीश , विश्राम घाट ,यमुना महारान, भूतेश्वर, रांगेश्वर गलतेश्वर , गोकर्णनाथ महादेव का मंदिर मौजूद है. यह सभी कृष्ण की लालाओं से जुड़े स्थान है जिनका वर्णन धर्म ग्रंथो में मिलता है.
मथुरा के प्रमुख मंदिर और आबादी
वृन्दावन के अलावा, बरसाना में राधा जी का श्री जी मंदिर, नंदगांव में कृष्ण बलराम का मंदिर, गोकुल में बाल स्वरूप में विराजमान कृष्ण मंदिर, बल्देव में भगवान कृष्ण के बड़े भाई दाऊजी महाराज व माँ रेवती का मंदिर, गोवर्धन में गिर्राज जी का मंदिर व परिक्रमा, कोसी में कोकिला वन शनिदेव का मंदिर मौजूद है. मथुरा शहर की आबादी लगभग 30 लाख के करीब है.