कितना पढ़े हैं प्रेमानंद महाराज? पास में हैं कौन-कौन सी डिग्रियां! जानकर नहीं होगा यकीन
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Mathura Latest News: प्रेमानंद महाराज के आश्रम में उनसे मिलने उनके 38 साल पुराने दोस्त मिलने पहुंचे. उन्हें देख संत हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि तब बच्चे थे अब देखो बाल पक हमारे. इस दौरान महाराज जी ने अपनी पढ़ाई लिखाई के बारे में सबकुछ खुलासा किया.
प्रेमानंद महाराज. मथुरा: प्रेमानंद जी महाराज आजकल सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं. वे अपने सत्संग के माध्यम से लोगों को सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन का ज्ञान देते हैं. अक्सर, प्रेमानंद महाराज से सत्संग के बाद श्रद्धालु अपनी तमाम तरह की समस्याओं को लेकर सवाल पूछते हैं, जिसका संत बहुत सहज तरीके से उत्तर देते हैं. इसी बीच, संत से कुछ लोग मिलने पहुंचे, जिनका नाम सुनते ही महाराज जी चौंक गए. इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने अपने 38 साल पुराने कई राज खोले.
कितना पढ़े संत?
आपने यह तो सुना ही होगा कि वृंदावन के फेमस संत प्रेमानंद महाराज ने 11 साल की आयु में घर छोड़ दिया था. कई कहानियां संत के जीवन की और सुनी होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं उनकी पढ़ाई-लिखाई किस स्कूल से हुई है और वह किस कक्षा तक पढ़े हुए हैं? यह सवाल ऐसे हैं जो शायद ही आज तक किसी के दिमाग में आए हो. क्योंकि महाराज की डिग्रियों से ज्यादा उनके वचन में लोगों की ज्यादा दिलचस्पी होती है. मगर, आज आप महाराज की सारी क्वालिफिकेशन भी जान लिजिए. चलिए आज हम आपको मिलाते हैं संत प्रेमानंद महाराज के उन दोस्तों से, जो बचपन में उनके साथ स्कूल में पढ़ते थे.
आपने यह तो सुना ही होगा कि वृंदावन के फेमस संत प्रेमानंद महाराज ने 11 साल की आयु में घर छोड़ दिया था. कई कहानियां संत के जीवन की और सुनी होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं उनकी पढ़ाई-लिखाई किस स्कूल से हुई है और वह किस कक्षा तक पढ़े हुए हैं? यह सवाल ऐसे हैं जो शायद ही आज तक किसी के दिमाग में आए हो. क्योंकि महाराज की डिग्रियों से ज्यादा उनके वचन में लोगों की ज्यादा दिलचस्पी होती है. मगर, आज आप महाराज की सारी क्वालिफिकेशन भी जान लिजिए. चलिए आज हम आपको मिलाते हैं संत प्रेमानंद महाराज के उन दोस्तों से, जो बचपन में उनके साथ स्कूल में पढ़ते थे.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है. यह वायरल वीडियो प्रेमानंद महाराज के आश्रम का है. जहां एकांतिक वार्तालाव के दौरान संत से मिलने कुछ लोग पहुंचे. इनमें से 2 शख्स ने अपना परिचय दिया तो मौजूद सभी के होश उड़ गए. संत प्रेमानंद महाराज ने दोनों का नाम सुना तो उनके चेहरे पर अलग मुस्कान आ गई. जब दोनों शख्स प्रेमानंद महाराज से मिले तो उन्होंने कहा कि महाराज जी हम आपके जन्म स्थान यानी आपके ही गांव से आए हैं. 38 साल पहले हम आपके साथ स्कूल में पढ़ते थे. जिसके बाद संत उन्हें देख चौंक गए और फिर हंसते हुए बोले कि अब तो बहुत समय गुजर गया. 11-12 साल की उम्र में वहां से चले आए थे.
सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है. यह वायरल वीडियो प्रेमानंद महाराज के आश्रम का है. जहां एकांतिक वार्तालाव के दौरान संत से मिलने कुछ लोग पहुंचे. इनमें से 2 शख्स ने अपना परिचय दिया तो मौजूद सभी के होश उड़ गए. संत प्रेमानंद महाराज ने दोनों का नाम सुना तो उनके चेहरे पर अलग मुस्कान आ गई. जब दोनों शख्स प्रेमानंद महाराज से मिले तो उन्होंने कहा कि महाराज जी हम आपके जन्म स्थान यानी आपके ही गांव से आए हैं. 38 साल पहले हम आपके साथ स्कूल में पढ़ते थे. जिसके बाद संत उन्हें देख चौंक गए और फिर हंसते हुए बोले कि अब तो बहुत समय गुजर गया. 11-12 साल की उम्र में वहां से चले आए थे.
दोस्त ने कही ये बात
शख्स ने कहा कि महाराज जी हम लोग आपके ही जन्म स्थान से आए हुए हैं कानपुर के गांव से. इस पर महाराज जी हैरान रह गए और बोले अच्छा. फिर एक शख्स ने कहा कि हम आपके साथ 8वीं कक्षा तक पढ़े हैं. हमारा नाम मनमोहन प्रसाद है. शायद आपको याद आ जाए कुछ.
शख्स ने कहा कि महाराज जी हम लोग आपके ही जन्म स्थान से आए हुए हैं कानपुर के गांव से. इस पर महाराज जी हैरान रह गए और बोले अच्छा. फिर एक शख्स ने कहा कि हम आपके साथ 8वीं कक्षा तक पढ़े हैं. हमारा नाम मनमोहन प्रसाद है. शायद आपको याद आ जाए कुछ.
महाराज तपाक से बोले
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, अब बहुत लंबा समय हो गया ना. अब बचपन बीते बहुत समय हो गया. 38 साल हो गए. कक्षा सात, आठ तक भास्कर इंटर कॉलेज में पढ़े थे. उसी स्कूल में साइंस साइड से कक्षा 9 भी की. क्लास 9 का सर्टिफिकेट मिला था. उसके बाद उसे लेकर भाग आए थे. अब देखो अपने लोग बच्चे थे. अब बाल पक गए.
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, अब बहुत लंबा समय हो गया ना. अब बचपन बीते बहुत समय हो गया. 38 साल हो गए. कक्षा सात, आठ तक भास्कर इंटर कॉलेज में पढ़े थे. उसी स्कूल में साइंस साइड से कक्षा 9 भी की. क्लास 9 का सर्टिफिकेट मिला था. उसके बाद उसे लेकर भाग आए थे. अब देखो अपने लोग बच्चे थे. अब बाल पक गए.
पत्नी से नहीं होती लड़ाई…
तभी महाराज के दोस्त ने कहा कि आपको सुनने के बाद अब मेरी पत्नी से मेरी लड़ाई नहीं होती है, क्योंकि आप कहते हैं हर किसी के अंदर भगवान है. मैंने उससे कहा कि अब नहीं लड़ूगा क्योंकि तुम्हारे अंदर भगवान है, चाहे तुम गुस्सा करो चाहे नहींं. इस पर महाराज ने कहा कि अरे बहुत अच्छा. सच बात है. उत्तम बात करो. झगड़ा नहीं होता. हम यही चाहते हैं. पक्का भगवान वही हैं, उनमें हैं. इसका असर भी होगा.
तभी महाराज के दोस्त ने कहा कि आपको सुनने के बाद अब मेरी पत्नी से मेरी लड़ाई नहीं होती है, क्योंकि आप कहते हैं हर किसी के अंदर भगवान है. मैंने उससे कहा कि अब नहीं लड़ूगा क्योंकि तुम्हारे अंदर भगवान है, चाहे तुम गुस्सा करो चाहे नहींं. इस पर महाराज ने कहा कि अरे बहुत अच्छा. सच बात है. उत्तम बात करो. झगड़ा नहीं होता. हम यही चाहते हैं. पक्का भगवान वही हैं, उनमें हैं. इसका असर भी होगा.
गौरतलबल है, प्रेमानंद महाराज का जन्म आखरी गांव सरसौल ब्लॉक, कानपुर, उत्तर प्रदेश के पांडेय परिवार में हुआ था. बचपन में उनका नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था. बचपन से ही प्रेमानंद महाराज भक्ति सेवा में लगे रहते थे. जानकार बताते है जब प्रेमानंद महाराज 9वीं क्लास में थे तब उन्होंने सन्यासी बनने का फैसला लिया और वह 3 बजे अपने घर को छोड़ कर भाग गए थे.
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