प्रयागराज/मऊ. पूर्वांचल के माफिया और बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. हाईकोर्ट अब 31 मई को अपना फैसला सुनाएगी. मुख्तार अंसारी पर विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप है. याची अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पूर्व विधायक की जमानत अर्जी पर बहस की. उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि मुख्तार अंसारी ने बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल के कमरे बनवाने के लिए 25 लाख रुपये विधायक निधि से स्वीकृत किए थे. उन्होंने कोर्ट में कहा कि विधायक होने के नाते जनहित कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत की गई थी. जबकि धनराशि का सही उपयोग हो रहा है या नहीं, इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीडीओ की होती है.
राज्य सरकार की ओर से मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी का अपर महाधिवक्ता एमपी चतुर्वेदी ने विरोध किया. हालांकि जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच में लगभग 2 घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. याची अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आपराधिक षड्यंत्र के कोई साक्ष्य नहीं हैं. सिर्फ संभावना के आधार पर जिला प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है.
आरोप है कि जिस जगह पर विद्यालय बनने के लिए धनराशि अवमुक्त की गई थी. उसके बजाए दूसरे गाटा संख्या पर विद्यालय का निर्माण किया गया है. याची अधिवक्ता ने कहा, ‘यह देखना कि सही जगह पर निर्माण हो रहा है या नहीं, प्रशासन और सीडीओ की ही जिम्मेदारी है. उन्होंने कोर्ट में आरोप लगाया कि मुख्तार अंसारी को जानबूझकर टारगेट किया गया है.
पिछले साल दर्ज हुआ था मामला
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ मऊ के सराय लखंसी थाने में 24 अप्रैल 2021 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120 बी आईपीसी के तहत दर्ज कराई गई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी के साथ चार अन्य आरोपी भी बनाए गए हैं. उन्होंने अपनी विधायक निधि से विद्यालय निर्माण के लिए प्रबंधक को 25 लाख रुपए दिए थे. उन पर आरोप है कि विद्यालय का निर्माण नहीं कराया गया. वहीं, इस मामले में विद्यालय के प्रबंधक बैजनाथ यादव और विधायक प्रतिनिधि आनंद यादव आरोपी बनाए गए हैं. हालांकि कोर्ट से दोनों को जमानत मिल चुकी है.
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