अभिषेक राय
मऊ. माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे सदर विधायक अब्बास अंसारी और उमर अंसारी की अग्रिम जमानत की अर्जी एमपी एमएलए कोट्र ने खारिज कर दी है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान मंच से अधिकारियों को धमकी दी और आचार संहिता का उल्लंघन किया. विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार चौरसिया ने अग्रिम जमानत अर्जी को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया.
विशेष न्यायाधीश ने यह आदेश बचाव पक्ष के अधिवक्ता दारोगा सिंह और एडीजीसी फौजदारी राणा प्रताप सिंह के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पारित किया. मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है. अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी. इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया था. आरोप था कि 3 मार्च 22 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने नगर क्षेत्र के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान कहा कि जनपद मऊ के प्रशासन को चुनाव के बाद रोककर हिसाब किताब करने व इसके बाद सबक सिखाया जाएगा. उन्होंने इस धमकी को मंच से ही खुलेआम दिया था.
पुलिस ने मामले की जांच कर एफआई आर दर्ज की और फिर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया. मामले में आरोपी सदर विधायक अब्बास अंसारी व उनके भाई उमर अंसारी की ओर से अलग-अलग अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी. जिसे सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट दिनेश कुमार चौरसिया ने खारिज कर दिया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में लिखा कि आरोप पत्र न्यायालय आ चुका है तथा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए द्वारा मामले का संज्ञान लिया जा चुका है.
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