मऊ. मऊ की राजनीति में पहली बार मुख्तार अंसारी के खिलाफ बीजेपी अपने बैनर पर प्रत्याशी उतारा है. बीजेपी ने यहां से अशोक सिंह को टिकट दिया है. वह अपने ठेकेदार भाई मन्ना सिंह और उसके गनर की हत्या में गवाह हैं. यह बीजेपी का बड़ा दांव है.
बीजेपी नेता अशोक सिंह ने सर्वप्रथम अपनी कुलदेवी की शरण वनदेवी धाम पहुंचकर पूजन अर्चन कर आशीर्वाद मांगा. उसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के लिए निकल गए. जहां वह स्थानीय भाजपा इकाई से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर मंथन करेंगे. वनदेवी धाम का इस जिले में बहुत ही पुराना महत्व है. इस वन देवी मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यताओं में बताया जाता है कि रामायण काल में जब सीता माता को वनवास मिला था, तब के समय में बाल्मीकि आश्रम यहीं हुआ करता था. जब लक्ष्मण सीता माता को वनवास के लिए छोड़ने आए थे तो यहीं पर उन्होंने छोड़ा था. तब बाल्मीकि ने अपने आश्रम में रहने वाली सभी स्त्रियों से सीता माता का परिचय वनदेवी के नाम से कराया था.
सीता माता ने यहां पर रह कर अपने लव कुश पुत्रों को जन्म दिया था. जहां वह पूजा पाठ किया करती थीं उस जगह कालांतर में सीता माता के लौटने के बाद एक आध्यात्मिक स्थल का रूप ले लिया. जहां एक मंदिर का निर्माण हो गया है. आसपास के लोग यहां पर अपनी मन्नतें मांगने के लिए आते हैं. इस स्थान पर शादी ब्याह कराने का भी विशेष महत्व है. इस जगह का इस जिले में बहुत ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है.
अशोक सिंह चर्चित ठेकेदार अजय प्रकाश उर्फ मन्ना सिंह केस के पैरोकार हैं
अशोक सिंह मऊ के चर्चित ठेकेदार अजय प्रकाश उर्फ मन्ना सिंह केस के पैरोकार हैं. अशोक सिंह ठेकेदार मन्ना सिंह के भाई हैं. गौरतलब है कि ठेकेदार मन्ना सिंह और राजेश राय की 29 अगस्त 2009 को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. मन्ना सिंह की हत्या के इस मामले में मुख्तार अंसारी और हनुमान पांडेय समेत 11 लोग आरोपी थे. सितंबर 2017 में मऊ की निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी समेत आठ आरोपियों को इस केस से बरी कर दिया था. कोर्ट ने अरविंद यादव, अमरेश कन्नौजिया और राजू उर्फ जामवंत को हत्या और हत्या के प्रयास का दोषी माना था. फिलहाल इस मामले में मन्ना सिंह के भाई अशोक सिंह की तरफ से हाई कोर्ट इलाहाबाद में अपील की गई है और मामला लंबित है.
वहीं दूसरी तरफ, मन्ना सिंह हत्याकांड केस के गवाह राम सिंह मौर्य और उसके गनर सतीश की भी एक साल बाद हत्या हो गई थी. इस दोहरे हत्याकांड का आरोप भी मुख्तार अंसारी पर लगा. ये मामला कोर्ट में है और इस पर फैसला आना बाकी है.
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