एक सितंबर से मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 (New Motor Vehicle Act) लागू हो चुका है. इसमें हेलमेट (Helmet) न लगाने पर भारी जुर्माना लग रहा है. अभी तक जहां दुकानों पर हेलमेट खरीदने के लिए गिनती के लोग पहुंचते थे, वहीं अब सुबह से शाम तक सैकड़ों हेलमेट बिक रहे हैं. स्थिति यह है कि माता-पिता अपने लिए तो हेलमेट ले ही रहे हैं, अपने बच्चों के लिए भी उनकी साइज़ का हेलमेट तलाश रहे हैं. क्या युवा और क्या बुजुर्ग सभी हेलमेट खरीदते हुए नज़र आ रहे हैं.
नहीं लगाया, लेकिन अब हेलमेट की दुकान पर अपनी साइज़ का हेलमेट खरीद रहे हैं. स्थानीय लोग अब इसके लिए भी मोदी सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं. उधर, व्यापारियों का कहना है कि दुकान खुलने से लेकर बंद होने तक ग्राहक आते रहते हैं. उनका कहना है कि हेलमेट की बिक्री को लेकर पहली बार ऐसा बूम है. पहले रोजाना 15-20 हेलमेट बिकते थे, वहीं अब करीब 200 रोज़ाना बिक रहे हैं. ब्रांडेड कंपनियों जैसे स्ट्डस, स्टील बर्ड और वेगा के हेलमेट की सप्लाई नहीं हो रही है. कंपनियां एडवांस पेमेंट तक नहीं ले रही हैं. यही हाल रहा तो जल्द ही ब्रांडेड हेलमेट की शहर में किल्लत हो जाएगी.
ब्रांडेड हेलमेट के कारोबार में करीब 30 से 40 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है. वहीं, लोकल हेलमेट की बिक्री तो इससे कई गुना ज्यादा हो रही है. कंपनी के हेलमेट के साथ ही लोकल हेलमेट बचने वालों की बल्ले-बल्ले हो रही है. मेरठ के गढ़ रोड, नई सड़क, हापुड़ अड्डा, बच्चा पार्क और बेगलपुल पर लोकल हेलमेट बेचने वालों ने बताया कि पिछले महीने तक मुश्किल से 10-15 हेलमेट बेच पाते थे. अब 30-40 हेलमेट रोज बिक रहे हैं. उधर, नए यातायात नियम को लेकर यातायात पुलिस भी संजीदा है. आठ दिन में 2000 से ज्यादा लोगों के बिना हेलमेट के चालान काटे जा चुके हैं. इसका असर भी सड़कों पर दिखने लगा है. लोग अब बड़ी संख्या में हेलमेट पहन कर दोपहिया वाहन लेकर निकल रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 11, 2019, 15:15 IST