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73 की उम्र में शुरू किया स्टार्टअप... लोग बुलाते हैं 'जय-वीरू'... .पीएम मोदी को मानते हैं रोल मॉडल

Meerut News: 73 साल के मदनमोहन कपिल और तकरीबन साठ साल के उनके दोस्त सुशील गुप्ता ने ढाबा शुरू किया है

Meerut News: 73 साल के मदनमोहन कपिल और तकरीबन साठ साल के उनके दोस्त सुशील गुप्ता ने ढाबा शुरू किया है

Meerut News: क्या 73 साल की उम्र में भी कोई स्टार्टअप शुरु किया जा सकता है? पहली नजर में तो ये बिल्कुल असंभव लगता है, ल ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

मदनमोहन कपिल और उनके दोस्त सुशील गुप्ता ने मिलकर ढाबा शुरु किया है
UP 15 नाम से संचालित इस ढाबे की थीम ऐसी है कि सभी फक्र करते हैं

मेरठ. क्या 73 साल की उम्र में भी कोई स्टार्टअप शुरु किया जा सकता है? पहली नजर में तो ये बिल्कुल असंभव लगता है, लेकिन मेरठ में 73 वर्ष के मदनमोहन कपिल और तकरीबन साठ साल के उनके दोस्त सुशील गुप्ता ने मिलकर बीते दिनों ऐसा ढाबा शुरु किया, जो आजकल वेस्ट यूपी में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस ढाबे का नाम जितना लोगों को रास आ रहा है, वहीं इसकी थीम भी लोगों को खासा आकर्षित कर रही है. बीस साल से दोस्त मदनमोहन कपिल और सुशील गुप्ता बताते हैं कि उनकी दोस्ती को लोग जय-वीरू की भी संज्ञा देते हैं.

इस ढाबे का नामकरण भी काफी सोच समझकर किया गया है. UP 15 नाम से संचालित इस ढाबे की थीम ऐसी है कि सभी फक्र करते हैं. इस ढाबे में आपको क्रांतिवीरों को नमन करती हुई तस्वीरें दिखेंगी. और तो और मेरठ के हर टूरिस्ट स्पॉट के बारे में भी यहां डिटेल्स लिखी गई हैं. मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे से उतरकर जैस ही हाईवे पर आगे बढ़ते हैं तो UP 15 ढाबा मेरठ में हुई 1857 की क्रांति की याद दिलाता है. पुरानी दोस्ती को यादगार बनाते हुए ये दोनों दोस्त इस ढाबे में वक्त बिताते हैं. साथ ही नो प्रॉफिट एंड लॉस पर इसे रन करते हैं.

मेरठ के रहने वाले सुशील गुप्ता और मदनमोहन कपिल दोनों पुराने दोस्त हैं. अमूमन 60 साल के बाद लोग रिटायरमेंट मोड में चले जाते हैं, लेकिन  सुशील और मदनमोहन कपिल ने इस टाइम में ढाबा के रुप में ये स्टार्टअप शुरू किया है. सुशील, मदनमोहन ने ढाबे का नाम ही UP 15 रखा है. ये मेरठ का आरटीओ कोड है. मेरठ से 1857 की क्रांति का आगाज हुआ था. इसलिए ढाबे के अंदर जो फोटो और सजावट है वो 1857 की क्रांति से जुड़ी है. यहां शहीद स्मारक की तस्वीर, औघड़नाथ मंदिर, घंटाघर, व्हीलर क्लब, एलेक्जेंडर क्लब, विक्टोरिया पार्क, कर्नल लुईस का बंगला, सेंट जोंस चर्च और सिमिट्री की तस्वीरें लगी है. 1857 के सैनिकों से जुड़ी भी तस्वीरें यहां देखी जा सकती हैं.

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