लॉकडाउन के चलते जाग गए कई महीनों से सोए अजगर? हस्तिनापुर में 12 से ज्यादा पायथन रेस्क्यू

हस्तिनापुर में 12 से ज्यादा पायथन रेस्क्यू (फाइल फोटो)
आश्चर्य की बात है लेकिन कई-कई महीने सोए रहने वाले अजगर (Python) को इस वक्त घूमना भा रहा है. वो निद्रा छोड़कर अपने बिलों से बाहर निकल रहे हैं और बदले हुए ताजा वातावरण का आनंद ले रहे हैं
- News18Hindi
- Last Updated: May 7, 2020, 8:05 PM IST
मेरठ. कुछ दिन पहले सोशल मीडिया (Social Media) पर गंगा नदी में अठखेलियां करने वाली डॉलफिन की फोटो काफी वायरल हुई थी. लॉकडाउन (Lockdown) के कारण देश में प्रदूषण इतना कम हुआ है कि तकरीबन हर जगह नदियां और जंगल अब साफ नजर आ रहे हैं. इससे जल में रहने वाले जीव भी मजे से अठखेलियां करते नजर आते हैं. डॉलफिन्स की ही तरह अब एक और जीव चर्चा का विषय बना हुआ है. ये तस्वीर है सांपों की प्रजाति के भारी-भरकम अजगर की.
आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन आजकल कई-कई महीने सोए रहने वाले अजगर (Python) को भी घूमना भा रहा है. वो निद्रा छोड़कर अपने बिलों से बाहर निकल रहे हैं और बदले हुए ताजा वातावरण का आनंद ले रहे हैं.
12 से अधिक अजगर रेस्क्यू किये जा चुके
इस बारे में डीएफओ अदिति शर्मा का कहना है कि आजकल जिस तरह का शांत वातावरण है वो अजगर ही नहीं, बल्कि सभी वन्य जीवों को रास आता है. क्योंकि जीव-जंतु आम तौर पर शर्मीले स्वभाव वाले होते हैं. लिहाजा वो खुले में कम ही दिखते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से आज कल सड़कों पर इंसान या तो नजर नहीं आ रहे या बहुत संख्या में दिखते हैं. वातावरण शांत है, जो जानवरों को यकीनन भा रहा है. अदिति शर्मा ने कहा कि हस्तिनापुर सेंक्चुरी हो या फिर दूसरे इलाके, महीनों से सोए अजगर अब जागने के बाद बिलों से बाहर आ रहे हैं. इसके चलते हर तीसरे-चौथे दिन वन विभाग के पास ग्रामीण इलाकों से अजगरों के मिलने की सूचनाएं आ रही हैं. पिछले एक महीने की बात करें तो अकेले वन विभाग की टीम बारह से ज्यादा अजगरों का रेस्क्यू कर चुकी है.क्या है अजगरों के बाहर निकलने का कारण
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट बताते हैं कि मेरठ और आस-पास अजगरों की बड़ी संख्या है. माना जाता है कि अजगर जब बिल से बाहर निकलकर आता है तो वो भूखा होता है. एक महीने के अंदर इतने अजगर रेस्क्यू करने के पीछे क्या अजगर की भूख कारण है. या फिर लॉकडाउन में अजगरों ने घूमने का प्लान बनाया है. एक्सपर्ट बताते हैं कि यह रिसर्च का विषय है. लेकिन वजह चाहे जो हो, वन्य जीव प्रेमियों की इन तस्वीरों ने सभी को खुश कर दिया है.
ये भी पढ़ें: Lockdown 3.0 : ट्रक में विदेशी प्रेमिका को छुपा कर भाग रहा था, पुलिस ने पकड़ा और....

आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन आजकल कई-कई महीने सोए रहने वाले अजगर (Python) को भी घूमना भा रहा है. वो निद्रा छोड़कर अपने बिलों से बाहर निकल रहे हैं और बदले हुए ताजा वातावरण का आनंद ले रहे हैं.
12 से अधिक अजगर रेस्क्यू किये जा चुके
इस बारे में डीएफओ अदिति शर्मा का कहना है कि आजकल जिस तरह का शांत वातावरण है वो अजगर ही नहीं, बल्कि सभी वन्य जीवों को रास आता है. क्योंकि जीव-जंतु आम तौर पर शर्मीले स्वभाव वाले होते हैं. लिहाजा वो खुले में कम ही दिखते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से आज कल सड़कों पर इंसान या तो नजर नहीं आ रहे या बहुत संख्या में दिखते हैं. वातावरण शांत है, जो जानवरों को यकीनन भा रहा है. अदिति शर्मा ने कहा कि हस्तिनापुर सेंक्चुरी हो या फिर दूसरे इलाके, महीनों से सोए अजगर अब जागने के बाद बिलों से बाहर आ रहे हैं. इसके चलते हर तीसरे-चौथे दिन वन विभाग के पास ग्रामीण इलाकों से अजगरों के मिलने की सूचनाएं आ रही हैं. पिछले एक महीने की बात करें तो अकेले वन विभाग की टीम बारह से ज्यादा अजगरों का रेस्क्यू कर चुकी है.क्या है अजगरों के बाहर निकलने का कारण
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट बताते हैं कि मेरठ और आस-पास अजगरों की बड़ी संख्या है. माना जाता है कि अजगर जब बिल से बाहर निकलकर आता है तो वो भूखा होता है. एक महीने के अंदर इतने अजगर रेस्क्यू करने के पीछे क्या अजगर की भूख कारण है. या फिर लॉकडाउन में अजगरों ने घूमने का प्लान बनाया है. एक्सपर्ट बताते हैं कि यह रिसर्च का विषय है. लेकिन वजह चाहे जो हो, वन्य जीव प्रेमियों की इन तस्वीरों ने सभी को खुश कर दिया है.
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