नए मोटर व्हीकल एक्ट (2019) लागू होने के बाद से उत्तर प्रदेश समेत देश भर में चालान की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं. इसी कड़ी में मेरठ शहर में जुगाड़ से दौड़ती हजारों गाड़ियां ट्रैफिक नियमों और वाहन अधिनियम की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं. नए यातायात नियम लागू होने के बाद भी यातायात पुलिस और परिवहन विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. दरअसल मेरठ शहर के दिल्ली रोड, मेट्रो प्लाजा, बुढ़ाना गेट, रेलवे रोड, घंटाघर जैसी व्यस्त जगहों पर लंबे-लंबे पाइप, सरिया, लोहे के स्ट्रक्चर आदि ले जाते जुगाड़ गाड़ियों को खुलेआम देखा जा सकता हैं.
आसपास चलने वाले वाहन सवार खुद ही इनसे बच कर चलते हैं. इनके चलते
लग जाता है. यह जुगाड़ दिल्ली गेट, सोती गंज, गोला कुआं आदि स्थानों पर तैयार किए जाते हैं. आपको बता दें कि जुगाड़ गाड़ियां माल ढुलाई के काम में आती है.
के इंजन लगाए जाते हैं. इनके कई तरह माडल है. एक जुगाड़ एक लीटर ईधन में 25 से 30 किलोमीटर चलता है. सामान्य रिक्शे में पुराने स्कूटर का इंजन फिट कर बनने वाला जुगाड़ 12 हजार रुपये में तैयार हो जाता है.
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार जुगाड़ किसी वाहन की श्रेणी में नहीं आते हैं. आम वाहनों के लिए रोड टैक्स, इंश्योरेंस फिटनेस सहित तमाम तरीके टैक्स देय होते हैं इन वाहनों के चालक कोई टैक्स नहीं देते. तीन माह पहले दिल्ली की एक अदालत ने ऐसे वाहनों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था. मामले में एक जुगाड़ ने एक मोटर साइकिल चालक का पैर कुचल दिया था.
मेरठ के एसपी ट्रैफिक संजीव बाजपेई ने कहा कि मामला संज्ञान में आया हैं, कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
वहीं परिवहन विभाग इन अवैध वाहनों को देखकर नज़रे फेर लेते हैं. ये अधिकारी इन वाहनों के खतरों से भी वाकिफ है लेकिन आखिर कार्रवाई करने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाते.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2019, 15:37 IST