तबस्सुम हसन
यूपी के कैराना से बीजेपी के लिए खुशी वाली खबर आ रही है. संयुक्त महागठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन बीजेपी उम्मीदवार से पिछड़ गई हैं. शुरुआती राउंड की मतगणना के बाद तबस्सुम बीजेपी के प्रदीप कुमार से करीब 9 हजार वोटों से आगे चल रही थीं. लेकिन अब ताजा राउंड के मुताबिक बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप कुमार 7 हजार वोटों से आगे निकल गए हैं. गौरतलब है कि 2018 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने जीत हासिल कर एसपी-बीएसपी के औपचारिक गठबंधन की आधारशिला रखी है.
इतिहास
कैराना लोकसभा सीट 1962 अस्तित्व में आई. पहले ही चुनाव में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद इस सीट पर सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और कांग्रेस के पास ही रही. लेकिन 1996 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की, 1998 में भारतीय जनता पार्टी, फिर लगातार दो बार राष्ट्रीय लोक दल, 2009 में बहुजन समाज पार्टी और 2014 में बीजेपी ने दीत दर्ज की थी. 2018 में जब उपचुनाव हुए तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.
ये रहा जातीय समीकरण
कैराना लोकसभा सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रभावित करने वाली सीट है. 2014 के आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर कुल 15,31,755 वोटर थे. इनमें 8,40,623 पुरुष और 6,91,132 महिला वोटर थीं. 2018 में हुए उपचुनाव में इस सीट पर 4389 वोट नोटा को डाले गए थे.
5 विधानसभा सीटें
कैराना लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान पांच में से चार विधानसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थीं. इनमें नकुड़ बीजेपी, गंगोह बीजेपी, कैराना एसपी, थाना भवन बीजेपी, शामली बीजेपी के खाते में ही गई थीं.
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