रिपोर्ट- विशाल भटनागर
मेरठ के विभिन्न मंदिरों का उल्लेख हजारों साल पुराने इतिहास से जुड़ा हुआ है. कुछ इसी तरह का उल्लेख सूरजकुंड स्थित सती मंदिर में मां मनसा देवी के मंदिर को लेकर भी है. कहा जाता है कि मंदोद द्वारा यहां पर मां मनसा देवी की पिंडी की स्थापना की थी.
मंदिर के पुजारी श्रवण कुमार रामजी ने बताया कि हजारों वर्ष पूर्व रामायण कालीन दौर में मंदोदरी द्वारा मां मनसा देवी के यहां पिंडी रूप में स्थापना की थी. उनको किसी विद्वान ने बताया था कि उनके ऊपर कोई दोष है. अगर वह मां मनसा देवी की पिंडी की स्थापना कर उसकी विधि विधान के साथ पूजा करेंगी तो उनका दोष दूर हो जाएगा. तब से लेकर अब तक या वैशाखी पंचमी के दिन विशेष रूप से वक्त पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं.
मठ के आकार में बना है मंदिर
मंदिर की विशेषता की बात करें तो आज भले ही बड़े-बड़े मंदिर आपको देखने को मिलेंगे. लेकिन अगर इस मंदिर की बात की जाए तो यह मठ के आकार में बना हुआ है. इसमें प्रवेश करने के लिए भी आपको बैठकर ही जाना होगा है. इतना ही नहीं मेरठ के इतिहासकारों द्वारा निकाली गई एक किताब में भी इस मंदिर का 5000 वर्ष पुराने इतिहास के साथ उल्लेख किया गया है. बताते चलें कि मेरठ के विभिन्न मंदिरों से मंदोदरी का इतिहास जुड़ा हुआ बताते हैं. बात चाहे बिलेश्वर नाथ मंदिर की हो या नौचंदी मैदान स्थित चंडी देवी मंदिर की इन मंदिरों का संबंध मंदोदरी से बताया जाता है.
नोट:- यह सभी मां मान्यता किदंवती के रूप में आधारित हैं. न्यूज18 लोकल इसकी पुष्टि नहीं करता
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Hindu Temple