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मेरठ: आर्मी ट्रेनिंग से निकाला गया, फर्जी डॉक्यूमेंट लेकर फिर पहुंचा अग्निवीर बनने, अब गिरफ्तार

आरोपी को बुधवार सुबह मेरठ से गिरफ्तार किया गया. (सांकेतिक तस्वीर))

आरोपी को बुधवार सुबह मेरठ से गिरफ्तार किया गया. (सांकेतिक तस्वीर))

Agniveer: साल 2019 में आर्मी में फर्जी दस्तावेज के साथ भर्ती हुए शख्स को सेना से निष्कासित कर दिया गया था. कमल सिंह नाम ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

साल 2019 में शख्स को सेना से निष्कासित कर दिया गया था.
अब फर्जी दस्तावेज के साथ अग्निवीर में भर्ती होने आया था.
आरोपी को बुधवार सुबह मेरठ से गिरफ्तार किया गया.

मेरठ. इन दिनों देश भर में अग्निवीर की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. भर्ती में धांधली और फर्जीवाड़ा करने वालों को लेकर भी आर्मी इंटेलिजेंस सतर्क है. वहीं एक फर्जीवाड़े का मामला मेरठ से सामने आया है. साल 2019 में आर्मी में फर्जी दस्तावेज के साथ भर्ती हुए शख्स को सेना से निष्कासित कर दिया गया था. कमल सिंह नाम का शख्स नकली नाम राहुल सिंह का इस्तेमाल कर फौज में शामिल हुआ था. उसने 6 महीने की आर्मी ट्रेनिंग भी ले ली थी. लेकिन जब यह पता चला कि उसने फर्जी दस्तावेज पेश किए थे तो उसे आर्मी से निकाल दिया गया था.

TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार अब 25 साल का आरोपी एक बार फिर से फर्जी दस्तावेज के साथ अग्निवीर का उम्मीदवार बन गया. लेकिन इस बार वह सैन्य खुफिया अधिकारियों के हाथों पकड़ा गया. उसे बुधवार सुबह मेरठ से गिरफ्तार किया गया. साथ ही इस बार आरोपी फिजिकल टेस्ट भी पास नहीं कर सका. उसे पकड़कर मुजफ्फरनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया है. आगे की पूछताछ में मेरठ से एक अन्य पूर्व सैनिक मेहकर सिंह को भी गिरफ्तार किया गया, जो नकली दस्तावेज तैयार करने में माहिर है.

मुजफ्फरनगर के एसएसपी विनीत जायसवाल ने इस मामले को लेकर कहा कि मुजफ्फरनगर में अग्निवीर की भर्ती हो रही है और मिलिट्री इंटेलिजेंस और मुजफ्फरनगर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने कमल सिंह की पहचान की और उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. उसने 21 सितंबर को दौड़ में भाग लिया था और अब वह मंगलवार को फिर से दस्तावेजों के एक और सेट के साथ यहां आया था. इस बार उसके दस्तावेजों से पता चला कि वह बुलंदशहर का था. उस पर आईपीसी 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी) आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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सेना के सूत्रों के अनुसार, ‘गहन पूछताछ में बागपत रोड मेरठ के एक व्यक्ति का नाम सामने आया, जिसने पैसे के बदले ये दस्तावेज बनाए थे. उसकी पहचान 48 वर्षीय मेहकर सिंह के रूप में हुई, जो एक पूर्व सैनिक था. मेहकर सिंह के पास से कई फर्जी दस्तावेज, और उम्मीदवारों की मेडिकल पर्चियां बरामद की गई हैं. दस्तावेजों के बारे में मेहकर संतोषजनक जवाब नहीं दे सका, जो मामले में उसकी मिलीभगत की पुष्टि करता है.’

Tags: Agniveer, Army recruitment, Fake documents

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