मेरठ:-जैसे चुनावों की बेला आती है तभी आपको देखने को मिलेगा तमाम राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए दावों का ढोल पीटने लगती हैं.2022 के चुनावी समर में निशुल्क विद्युत के दावे का खासा असर power corporation पर देखने को मिल रहा है. जी हां आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी द्वारा 300 यूनिट तक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को फ्री देने की घोषणा और भारतीय जनता पार्टी द्वारा नलकूप के चार्ज को आधा करने की घोषणा की है. जिसके बाद अब उपभोक्ता बिजली का बिल जमा करने से बच रहे हैं.जिससे कहीं न कहीं निगम के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है.
4 लाख 60 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं ने नहीं किया बिजली जमा
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड Paschimchal Vidyut Vitran Nigam Limited से संबंधित 14 जिलों के साढ़े चार लाख उपभोक्ताओं ने अभी तक अपना बिजली का बिल जमा नही किया है.वही मेरठ जनपद की बात की जाए तो यह संख्या लगभग 50 हजार के आसपास है.जिन्होंने अभी तक अपना बिजली का बिल जमा नहीं किया है.इन्हीं बातों को देखते हुए बिजली विभाग द्वारा बार-बार अपील भी करनी पड़ रही है लेकिन उपभोक्ताओं पर इसका कोई असर नही दिख रहा है.आप को बताते चलें कि बिजली विभाग पहले से ही एक लाख करोड़ के घाटे में चल रहा है.ऐसे में जिस प्रकार राजनीतिक पार्टियों द्वारा दावे किए जा रहे हैं. पश्चिमांचल को ही अकेले 34000 करोड़ की आवश्यकता होगी.घाटे के बीच इस तरह का भार सहने के लिए निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
रिपोर्ट :-विशाल भटनागर मेरठ
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