संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए योगी सरकार (Yogi Government) कारगर कदम उठा कर रही है. इस बदली हुई सोच का ही नतीज़ा है कि अब मुस्लिम बेटियां 'संस्कृत' सीख रही हैं और संस्कृत पढ़कर अपना भविष्य संवारने के सपने देख रही हैं. मेरठ के इस्माइल डिग्री कॉलेज में इस बार स्नातक फर्स्ट ईयर में कई मुस्लिम लड़कियों (Muslim Girls) ने संस्कृत विषय लेकर अपना भविष्य संवारने की ठानी है. इन मुस्लिम बेटियों का कहना है कि उन्होंने आज तक संस्कृत का अहम् आवाम् वयम् भी नहीं सीखा है. लेकिन अब वो संस्कृत में परास्नातक कर अपना भविष्य सुनहरा करना चाहती हैं.
इन लड़कियों का कहना है कि जब उन्होंने घर में संस्कृत विषय लेकर पढ़ने का इरादा किया और घरवालों को बताया कि वो
चाहती हैं. तो माता-पिता ने भी उनकी
की. इसके बाद तो इन बच्चियों को मानो सारा आसमान मिल गया हो. इन बेटियों में किसी ने पॉलिटिकल साइंस और अंग्रेज़ी के साथ संस्कृत विषय लिया.
किसी ने म्यूज़िक सोशियोलॉजी के साथ संस्कृत विषय लिया तो किसी ने संस्कृत, उर्दू और अंग्रेज़ी विषय चुनकर अपना नाम रोशन करने की ठान ली. संस्कृत की टीचर डॉक्टर सपना शर्मा का कहना है कि इससे पहले भी यहां की मुस्लिम छात्राएं संस्कृत विषय लेकर पढ़ती आई हैं. लेकिन इस बार मुस्लिम बेटियों में संस्कृत को लेकर जो रुझान देखने को मिल रहा वो उत्साहवर्धक है.
कहते हैं कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननि है. संस्कृत से ही सभी भाषाएं उत्पन्न हुई हैं. ऐसे में मुस्लिम बेटियों में संस्कृत सीखने का ये जुनून बताता है कि हमारी सोच पर पड़ा पर्दा अब हटने लगा है, और वो दिन दूर नहीं जब मुस्लिम बेटियां न सिर्फ संस्कृत पढ़ेंगी बल्कि वो इसे पढ़ाएंगी भी.
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FIRST PUBLISHED : September 07, 2019, 14:17 IST