रिपोर्ट- विशाल भटनागर
मेरठ. गौ- आधारित जैविक खेती से किसानों की तकदीर बदल रही है. हस्तिनापुर में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित की गई जैविक प्रदर्शनी में इस प्रकार का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. जहां भारत के विभिन्न राज्यों के किसान द्वारा प्रदर्शनी में हिस्सा लिया गया है. जो गौ आधारित जैविक खेती के माध्यम से अपने यहां खेती कर रहे हैं. इसी प्रदर्शनी में लगी उड़ीसा की स्टॉल काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस स्टॉल पर महिलाओं द्वारा एक नहीं बल्कि 450 प्रकार की धान की फसलों के बारे में बताया गया है.
उड़ीसा से आई महिलाओं द्वारा जो स्टाल लगाई गई है. उसमें एक नहीं बल्कि 450 किस्म की धान की फसल दर्शाई गई है. महिला किसान निर्मला का कहना है कि पहले एक दो तरह की फसल किया करते थे. लेकिन 2019 में देश भर के धान के बीजों को एकत्रित कर अपने यहां उपयोग करके देखा. जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ. अब कलावती, लंकेश्वरी, मकाराम, बासमती, पूसासुंघद, सहित 450 प्रकार की धान की फसलों को उगाती है. सबसे ज्यादा डिमांड कलावती काले चावल के रहती है. क्योंकि यह डायबिटीज में काफी फायदेमंद है.
एक देसी गाय के माध्यम से एक एकड़ हो सकती है खेती
महिला किसान निर्मला की माने तो उनका कहना है कि घर में अगर आपके एक भी देसी गाय है. तो उसके माध्यम से आप एक एकड़ खेती को कर सकते हैं. क्योंकि देसी गाय का गोबर गोमूत्र काफी फायदेमंद होता है. आजकल किसान महंगे-महंगे रासायनिक खाद का उपयोग कर फसल उगाना चाहते हैं. जिससे लागत अधिक लगती है और आय कम होती है. लेकिन अगर सभी लोग देसी गाय से आधारित खेती करेंगे. तो उन्हें काफी फायदा होगा.
इस विधि का करें उपयोग
इन महिलाओं ने बताया कि देखा जाता है कि खेतों में हम लोग गोबर डाल देते हैं. सोचते हैं उससे बेनिफिट होगा. लेकिन सिर्फ गाय के गोबर को खेत में डालने से किसी भी किसान को फायदा नहीं होगा . गाय के गोबर को पहले एक जगह एकत्रित करे. फिर गाय के गोमूत्र से मिश्रण करें. उसके कुछ दिन बाद इसका उपयोग करें.
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