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...जब राजा जनमेजय ने सर्प यज्ञ से भस्म कर दिए थे सृष्टि के सभी सांप, जानें पीछे की वजह

Meerut News: महाभारत कालीन इतिहास में उल्लेख है. जब महान तपस्वी श्री श्रृंग ऋषि तपस्या कर रहे थेतो राजा परीक्षित का महल ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- विशाल भटनागर

मेरठ. महाभारत में राजा जनमेजय की कथा काफी प्रसिद्ध है. वे पाण्डवों के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे. जिन्होंने तक्षकनाग से पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए सर्प यज्ञ किया था. उस यज्ञ में सृष्टि के सभी सांप जलकर भस्म होने लगे थे. फिर एक ज्ञानी बालक आस्तिक ने तक्षक सहित बाकी बचे नागों की रक्षा की थी. आज हम आपको वही कथा बता रहे हैं.

वेस्ट यूपी के मेरठ की बात की जाए तो मेरठ अपने आप में विशेष पहचान रखता है. यहां अनेकों पौराणिक घटनाएं सुनने को मिलेंगी. कुछ इसी तरह का वर्णन किला परीक्षित गढ़ में भी सुनने को मिलता है. जहां 4500 वर्ष पूर्व सांप की संपूर्ण जाति पर ही जीवन का संकट आ गया था. जी हां जब राजा परीक्षित को तक्षक सांप द्वारा डंस लिया गया था. तो उनके पुत्र जनमेजय ने संपूर्ण सांप जाति को मिटाने के लिए यज्ञ शुरू कर दिया था.

आपके शहर से (मेरठ)

राजा परीक्षित का पुत्र जनमेजय द्वारा संपूर्ण सांप जाति को मिटाने के लिए यज्ञशाला शुरू की थी. जिसमें वह सांपों की आहुति दे रहा था. कहा जाता है जब नागराज वासुकी का भी नंबर आ गया था तब उन्होंने आस्तीन से निवेदन किया था. तब जाकर उन्होंने वरदान के रूप में इस यज्ञ को रुकवाया था.

पदचिन्ह आज भी मौजूद
जिस स्थान पर यह यज्ञशाला शुरू हुई थी. वहां पदचिन्ह आज भी गवाह है. जो भी श्रद्धालु परीक्षितगढ़ में जाते हैं. वह सभी आश्रम में घूमने के लिए जरूर जाते हैं. काफी बड़े क्षेत्र में फैलाई आपने अपने आप में काफी पौराणिक और ऐतिहासिक तथ्य को समेटे हुए हैं.

इसलिए क्रोधित हुआ था राजा जनमेजय
महाभारत कालीन इतिहास में उल्लेख है. जब महान तपस्वी श्री श्रृंग ऋषि तपस्या कर रहे थेतो राजा परीक्षित का महल तक खिल गया था. तब उन्होंने ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए मरा हुआ सांप ऋषि पर फेंक दिया था. जिससे उनकी तपस्या भंग हो गई थी. यह सब ऋषि के पुत्र समिक ने देख लिया था. उन्होंने तुरंत आश्रम के निकट ही कोशी गंगा के जल को कमंडल में लेकर उस राजा को श्राप दिया था. एक सप्ताह में सांप के डसने से ही तेरी मृत्यु होगी. मान्यता है की तक्षक सांप द्वारा सातवें दिन ही राजा परीक्षित को कांच के महल में डंस लिया गया था. जिससे उनकी मृत्यु हो गई थी. इस घटना से जनमेजय सांप जाति का दुश्मन बन गया था.

आश्रम में हो जाता है सांप का एहसास
क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर आपके आसपास कोई सांप भी होगा. तो आपको इस आश्रम में एहसास हो जाएगा. इतना ही नहीं राजा जनमेजय के नाम से सब सांप डरते है.

Tags: Hindu Temple, History of India, Meerut news, Religion Guru, Snake, UP news

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