UP पंचायत चुनाव: महिला, OBC और SC के लिए आरक्षित सीटों की लिस्ट आई सामने

मेरठ जिले के कुल 479 ग्राम पंचायतों में 171 पद अनारक्षित घोषित हुए हैं. (सांकेतिक फोटो)
UP Panchayat Elections 2021: मेरठ जिले (Meerut District) में सबसे अधिक 54 ग्राम पंचायत परीक्षितगढ़ ब्लॉक में हैं. यहां 54 में से 20 अनारक्षित हैं. बाकी के 34 ग्राम पंचायत विभिन्न जातियों और महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 24, 2021, 8:29 AM IST
मेरठ. उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों (Panchayat Election) की सरगर्मी तेज हो गई है. मेरठ जिले (Meerut District) के लिए शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही 479 ग्राम पंचायतों के प्रधानों के लिए आरक्षण की घोषणा कर दी है. मेरठ जिले के कुल 479 ग्राम पंचायतों में 171 अनारक्षित घोषित किए गए, जबकि 76 पद अनारक्षित (महिला), 80 पद ओबीसी, 47 पद ओबीसी (महिला), 67 पद एससी और 38 पद एससी (महिला) के लिए सुरक्षित किए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, मेरठ जिले में सबसे अधिक 54 ग्राम पंचायतें परीक्षितगढ़ ब्लॉक में हैं. यहां 54 में से 20 अनारक्षित हैं, जबकि 9 पद अनारक्षित (महिला), 9 पद ओबीसी, 4 पद एससी महिला, 5 पद ओबीसी महिला और 7 पद एससी के लिए आरक्षित किया गया है. आरक्षण की इस व्यवस्था ने गांवों की राजनीति को काफी दिलचस्प बना दिया है. वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही जिले के 479 ग्राम पंचायतों के प्रधानों के लिए आरक्षण की घोषणा हो गई है. मेरठ जिले के कुल 479 ग्राम पंचायतों में 171 पद अनारक्षित घोषित हुए हैं.
पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने सभी जिलों के ग्राम प्रधानों के आरक्षण को लेकर आदेश जारी कर दिया है. ब्लॉक की कुल सीटों के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की गई है. वहीं, मेरठ जिले में एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए शासन ने खुला मैदान छोड़ दिया है. किसी भी जाति या वर्ग का प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकेगा. जिला पंचायत अध्यक्ष का पद जिले में एकल पद होता है. हर पांच साल बाद होने वाले चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की घोषणा होती है. इस बार चुनाव को लेकर शासन ने 2015 के फार्मूले को बिल्कुल पलट दिया है. रोटेशन की व्यवस्था की गई. माना जा रहा था कि 1995 के बाद अब तक जिस जाति, वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ है तो उसके लिए इस बार आरक्षित होगा. 2015 की तरह इस बार भी मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित घोषित किया गया.
जानकारी के मुताबिक, मेरठ जिले में सबसे अधिक 54 ग्राम पंचायतें परीक्षितगढ़ ब्लॉक में हैं. यहां 54 में से 20 अनारक्षित हैं, जबकि 9 पद अनारक्षित (महिला), 9 पद ओबीसी, 4 पद एससी महिला, 5 पद ओबीसी महिला और 7 पद एससी के लिए आरक्षित किया गया है. आरक्षण की इस व्यवस्था ने गांवों की राजनीति को काफी दिलचस्प बना दिया है. वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही जिले के 479 ग्राम पंचायतों के प्रधानों के लिए आरक्षण की घोषणा हो गई है. मेरठ जिले के कुल 479 ग्राम पंचायतों में 171 पद अनारक्षित घोषित हुए हैं.
पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने सभी जिलों के ग्राम प्रधानों के आरक्षण को लेकर आदेश जारी कर दिया है. ब्लॉक की कुल सीटों के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की गई है. वहीं, मेरठ जिले में एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए शासन ने खुला मैदान छोड़ दिया है. किसी भी जाति या वर्ग का प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकेगा. जिला पंचायत अध्यक्ष का पद जिले में एकल पद होता है. हर पांच साल बाद होने वाले चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की घोषणा होती है. इस बार चुनाव को लेकर शासन ने 2015 के फार्मूले को बिल्कुल पलट दिया है. रोटेशन की व्यवस्था की गई. माना जा रहा था कि 1995 के बाद अब तक जिस जाति, वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुआ है तो उसके लिए इस बार आरक्षित होगा. 2015 की तरह इस बार भी मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित घोषित किया गया.