Farmer's Protest: BKU नेता राकेश टिकैत का बयान, बोले-सरकार किसानों के मुद्दों और चिंताओं का समाधान करे

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया है.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र सरकार (Central Government) के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत दम दिखा रहे हैं. इस बीच, मेरठ टोल प्लाजा पर ढेरा जमाए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार से कहा कि वह किसानों की चिंता और मुद्दों का समाधान करे.
- News18Hindi
- Last Updated: November 27, 2020, 11:53 PM IST
मेरठ. केंद्र सरकार (Central Government) के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च अपने उफान पर है. दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले, पानी की बौछार और पुलिस की हिदायत के बाद भी किसान दिल्ली आने पर अड़े रहे तो दिल्ली पुलिस को उन्हें देश की राजधानी में आने की इजाजत देनी पड़ी. अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से आए किसान दिल्ली के बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे. इस बीच भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं सरकार मुद्दों पर चर्चा करे, हमारी चिंताओं का समाधान करे और आवश्यक कानून का मसौदा तैयार करे. हम आज रात मेरठ टोल प्लाजा (Meerut Toll Plaza) पर रुके हैं और कल सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
यही नहीं, किसानों ने पंजाब और हरियाणा के साथ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन किया है. जबकि किसानों ने शनिवार और रविवार भी आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है.
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने कहा कि लखनऊ पुलिस ने रात से ही हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए मेरे गांव नौबस्ता कला में घेराबंदी कर दी और किसान भवन घेर लिया. शुक्रवार को सुबह किसान तय कार्यक्रम के अनुसार अहिमामऊ-सुल्तानपुर मार्ग पर जाम करने के लिए निकले, लेकिन देवा रोड पर ही हमें पुलिस ने रोक लिया और सभी को ईको गार्डेन ले जाया गया. प्रदेश उपाध्यक्ष ने कुल 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा करते हुए कहा कि हमारा आंदोलन रुकने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि रविवार को ट्रैक्टर-टाली से सैकड़ों किसान दिल्ली में धरना देने जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसान तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून चाहते हैं लेकिन सरकार किसान विरोधी कानून थोप रही है.
500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थनअखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ के अलग-अलग धड़ों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से साथ मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया है. इस मोर्चे को 500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन हासिल है. मोर्चे के कामकाज में समन्वय बनाए रखने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.
यही नहीं, किसानों ने पंजाब और हरियाणा के साथ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन किया है. जबकि किसानों ने शनिवार और रविवार भी आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है.
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने कहा कि लखनऊ पुलिस ने रात से ही हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए मेरे गांव नौबस्ता कला में घेराबंदी कर दी और किसान भवन घेर लिया. शुक्रवार को सुबह किसान तय कार्यक्रम के अनुसार अहिमामऊ-सुल्तानपुर मार्ग पर जाम करने के लिए निकले, लेकिन देवा रोड पर ही हमें पुलिस ने रोक लिया और सभी को ईको गार्डेन ले जाया गया. प्रदेश उपाध्यक्ष ने कुल 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा करते हुए कहा कि हमारा आंदोलन रुकने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि रविवार को ट्रैक्टर-टाली से सैकड़ों किसान दिल्ली में धरना देने जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसान तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून चाहते हैं लेकिन सरकार किसान विरोधी कानून थोप रही है.
500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थनअखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ के अलग-अलग धड़ों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से साथ मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा बनाया है. इस मोर्चे को 500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन हासिल है. मोर्चे के कामकाज में समन्वय बनाए रखने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.