मिर्जापुर में सरकारी प्राथमिक स्कूल का हाल: बच्चों को मिडडे मील में परोसी जा रही नमक-रोटी

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मिर्ज़ापुर (Mirzapur) के सरकारी प्राइमरी स्कूल (Government Primary School) में बच्चों को नमक रोटी खिलाकर देश के भविष्य को तैयार किया जा रहा है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: August 23, 2019, 11:46 AM IST
मिर्ज़ापुर (Mirzapur) के सरकारी प्राइमरी स्कूल (Government Primary School) में बच्चों को नमक रोटी खिलाकर देश के भविष्य को तैयार किया जा रहा है. स्कूलों में चल रही मिडडे मिल व्यवस्था की यह शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. अहरौरा स्थित ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिडडे मील के लिए दोपहर लाइन से थाली लेकर बिठाया गया. इसके बाद स्कूल के कर्मचारियों ने बच्चों की थाली में नमक और सूखी रोटी परोसी गई.
बच्चो ने रोटी में नमक लगाकर खाया. बता दें इस स्कूल में लगभग 100 के करीब बच्चे हैं. स्कूल में पढ़ाने वाली महिला शिक्षा मित्र का कहना है की यह देखकर अच्छा नहीं लग रहा, पर मजबूरी है. टीचर भी स्वीकार कर रहे हैं कि लंबे समय से मिडडे मिल को लेकर दुर्व्यवस्था है. इसका स्थानीय लोग भी विरोध कर चुके हैं. मगर कोई नहीं सुनता है इसलिए व्यवस्था नहीं हो पाती है. मजबूरन बच्चों को यही खाना दिया जाता है. वहीं स्कूल के बच्चों का कहना है कि आज नमक रोटी खाने को मिला है, इससे पहले नमक भात (चावल) भी खाने को मिला था. उधर मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकरण संज्ञान में होने की बात कहते हुए जांच और कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

बीएसए प्रवीण तिवारी के अनुसार ये मामला उनके संज्ञान में आया है. इस स्कूल में एक प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षामित्र कार्यरत हैं. प्रधानाध्यापिका अवकाश पर चली गई है, उसका चार्ज दूसरे विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को दिया गया है. अगर एमडीएम के तहत राशि जारी की जा रही है तो इनकी जिम्मेदारी बनती है कि नियमानुसार मिड डे मील दें. अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो गंभीर कार्रवाई होगी.
बीएसए ने कहा कि प्रधानाध्यापिका जो छुट्टी पर चली गई हैं, उनकी असाधारण एप्लीकेशन आई है. जिसे अस्वीकार कर दिया गया है. जुलाई से विद्यालय में ये स्थिति है, जिसके कारण पास के विद्यालय से प्रधानाध्यापिका को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
(रिपोर्ट: सुमित गर्ग)
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बच्चो ने रोटी में नमक लगाकर खाया. बता दें इस स्कूल में लगभग 100 के करीब बच्चे हैं. स्कूल में पढ़ाने वाली महिला शिक्षा मित्र का कहना है की यह देखकर अच्छा नहीं लग रहा, पर मजबूरी है. टीचर भी स्वीकार कर रहे हैं कि लंबे समय से मिडडे मिल को लेकर दुर्व्यवस्था है. इसका स्थानीय लोग भी विरोध कर चुके हैं. मगर कोई नहीं सुनता है इसलिए व्यवस्था नहीं हो पाती है. मजबूरन बच्चों को यही खाना दिया जाता है. वहीं स्कूल के बच्चों का कहना है कि आज नमक रोटी खाने को मिला है, इससे पहले नमक भात (चावल) भी खाने को मिला था. उधर मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकरण संज्ञान में होने की बात कहते हुए जांच और कार्रवाई की बात कर रहे हैं.

बीएसए प्रवीण तिवारी कहते हैं कि मामले की जांच की जाएगी.
बीएसए प्रवीण तिवारी के अनुसार ये मामला उनके संज्ञान में आया है. इस स्कूल में एक प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षामित्र कार्यरत हैं. प्रधानाध्यापिका अवकाश पर चली गई है, उसका चार्ज दूसरे विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को दिया गया है. अगर एमडीएम के तहत राशि जारी की जा रही है तो इनकी जिम्मेदारी बनती है कि नियमानुसार मिड डे मील दें. अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो गंभीर कार्रवाई होगी.

नमक रोटी परोसी जा रही बच्चों की थाली में.
बीएसए ने कहा कि प्रधानाध्यापिका जो छुट्टी पर चली गई हैं, उनकी असाधारण एप्लीकेशन आई है. जिसे अस्वीकार कर दिया गया है. जुलाई से विद्यालय में ये स्थिति है, जिसके कारण पास के विद्यालय से प्रधानाध्यापिका को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
(रिपोर्ट: सुमित गर्ग)
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