रिपोर्ट : पीयूष शर्मा
मुरादाबाद. दुनिया भर में पीतल नगरी के नाम से जाने जाने वाले मुरादाबाद में अगर आप खास जायका ढूंढ़ रहे हैं तो कोई कमी नहीं है. विदेशों में एक्सपोर्ट किए जाने वाले पीतल के उत्पादों के इस शहर में एक से बढ़कर एक स्वाद हैं, लेकिन यहां की जलेबी की बात ही कुछ और है. यकीनन आपने कई जगह जलेबियां चखी होंगी लेकिन यहां मंडी समिति के गेट पर लगने वाले राजा भाई के ठेले की जलेबी एक अलग ही याद होती है.
इसी ठीये पर करीब पिछले 20 साल से जलेबी का यह ठेला लगता चला आ रहा है. ठेले पर पहले एक व्यक्ति बेहद लजीज जलेबी बनाता था. इसी जलेबी से दूर-दूर तक इसकी शोहरत थी. लेकिन अब उस शख्स के गुजर जाने के बाद उसका बेटा राजा इस ठेले को संभाल रहा है. अपने पिता के कारोबार को आगे बढ़ा रहा है. आज भी यहां की जलेबी का स्वाद वही है. लोग बढ़-चढ़कर इनकी जलेबी खरीदते हैं.
सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक लगता है ठेला
ठेला लगाने वाले राजा ने बताया ‘हमारे जलेबा का स्वाद बिल्कुल इमरती जैसा लगता है. हमारी दुकान पर सुबह 7 बजे से लेकर रात को 11 बजे तक ग्राहक आते हैं और जलेबा खाते हैं.’ जलेबी खाने आए विजेंद्र कुमार का कहना है ‘मैं मंडी समिति में जब भी सब्जी लेने आता हूं, इनकी जलेबी जरूर खाता हूं. बेहद स्वादिष्ट जलेबियां हैं. हम काफी लंबे समय से यहां की जलेबी खाते चले आ रहे हैं.’
यहां आपको जलेबी खानी है, तो आपको दाम भी ज्यादा नहीं देने होंगे. 50 रुपये में आधा किलो के हिसाब से ये जलेबियां मिलती हैं. 50 ग्राम ही खाना हो तो तीन चार जलेबियों के साथ दही मुफ्त भी मिलता है.
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