रिपोर्ट – पीयूष शर्मा
मुरादाबाद. इस प्राथमिक विद्यालय के नाम पर मत जाइए. यहां सुविधाएं, साफ-सफाई और पढ़ाई-लिखाई का तरीका किसी भी आधुनिक सुविधाओं वाले प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है. यहां बच्चों का अनुशासन बहुत ही जबरदस्त है और कपड़े, खाने-पीने आदि तमाम व्यवस्थाएं निजी स्कूलों को भी टक्कर दे रही हैं. इस सरकारी प्राइमरी स्कूल का कायाकल्प करने का श्रेय इसकी हेडमास्टर अर्चना सिंह को है, जिन्होंने स्कूल के लिए अपनी सैलरी से भी पैसे खर्च करने में परहेज़ नहीं किया.
कुंदरकी ब्लॉक के फरीदपुर हमीर स्थित प्राइमरी स्कूल की प्रधानाचार्य अर्चना 2016 में यहां आई थीं. उनकी मंशा थी कि अपने विद्यालय को बहुत आगे ले कर जाएं. स्कूल और स्टूडेंट के विकास के लिए उन्होंने परिसर में साफ-सफाई, खान-पीने, और पढ़ाई आदि की बेहतरीन व्यवस्था कर चौतरफा तारीफें हासिल की हैं. स्थानीय लोगों का तो यहां तक कहना है कि कई पैरेंट्स ने निजी स्कूलों से अपने बच्चों को निकालकर यहां एडमिशन करवाया.
अर्चना सिंह ने बताया ज्यादातर लोग अवॉर्ड के लिए कहीं न कहीं ट्राय करते हैं, जगह-जगह अप्लाई करते हैं, फार्म भरते हैं लेकिन मेरे लिए खुद का सेटिस्फेक्शन ही अवॉर्ड है. मैं अपने वेतन में से 2000 रुपये प्रति माह स्कूल की गुल्लक में डालती हूं. यह राशि स्कूल के विकास के साथ ही कई आयोजनों में काम आती है. बच्चों का जन्मदिन मनाते हैं. त्योहार बच्चों के साथ मनाए जाते हैं. अपने विवाह की वर्षगांठ भी इन्हीं बच्चों के साथ मनाती हूं.
अर्चना के मुताबिक विद्यालय में टोटल 260 बच्चे नामांकित हैं. हम लोग जी तोड़ मेहनत करते हैं, जिससे हाजिरी 100 फीसदी रहे. एक आइडिया अपनाया गया है ‘स्टार ऑफ द मंथ’, जो बच्चा रेगुलर क्लास में आता है और होमवर्क कंप्लीट रखता है उसे सम्मानित किया जाता है. अर्चना का कहना है ‘मैं यह चाहती हूं कि बच्चे स्कूल का नाम रोशन करें और जीवन में जब कामयाब हों, ऐसे और विद्यालय बनाएं.’
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