अयोध्या में बनने वाली मस्जिद को लेकर असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर भड़के मुस्लिम पक्षकार, कहा इनको इग्नोर करें

एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर मुस्लिम पक्षकारों ने नाराजगी जताई है. (फाइल फोटो)
अयोध्या (Ayodhya) में बनने वाली मस्जिद (Mosque) को लेकर AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने विवादित बयान दिया है, जिस पर मुस्लिम पक्षकारों ने और हिंदू धर्मगुरुओं ने आपत्ति जताई है. साथ ही ओवैसी पर कानूनी कार्रवाई (Legal Action) की मांग की है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 5:26 PM IST
अयोध्या. अयोध्या (Ayodhya) में बनने वाली मस्जिद (Mosque) को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के बयान का मस्जिद के मुस्लिम पक्षकारों ने विरोध किया है. ओवैसी के बयान पर मुस्लिम पक्षकारों ने कहा है कि भड़काऊ बयान देकर ओवैसी हमेशा लोगों को लड़ाने की राजनीत करते रहते हैं, लिहाजा उनकी बात पर ध्यान ना दिया जाए. साथ ही मुस्लिम पक्षकारों ने ओवैसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
एक दिन पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में बनने वाली मस्जिद को लेकर एक विवादित बयान दिया था. ओवैसी ने कहा था कि मुनाफ़िक़ों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, हकीकत में वो मस्जिद नहीं बल्कि 'मस्जिद-ए-ज़ीरार' है. मुहम्मदुर रसूलुल्लाह के जमाने में मुनाफ़िक़ों ने मुसलमानों की मदद करने के नाम पर एक मस्जिद बनवाई थी. हकीकत में उसका मक़सद उस मस्जिद में नबी का खात्मा और इस्लाम को नुकसान पहुंचाना था. (क़ुरान में उसे 'मस्जिद -ए- ज़ीरार' कहा गया है). ऐसी मस्जिद में नमाज़ पढ़ना और चंदा देना हराम है.
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ओवैसी के इस बयान पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि जो 5 एकड़ जमीन मिली है, उसमें स्कूल बन रहा है, मस्जिद बन रही है या हॉस्पिटल बन रहा है. उन्होंने फतवा जारी किया और कहा कि मुसलमान उसमें नमाज ना पड़े और चंदा भी ना दें. ओवैसी ने कहा कि कौम को चाहिए कि उनकी बात का बिल्कुल ध्यान ना दें क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह काम हो रहा है.
वहीं तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि एक सांसद होकर के इस तरह का गैर जिम्मेदाराना और असंवैधानिक भाषण देना निश्चित रूप से देशद्रोह की श्रेणी में आता है. महंत ने कहा कि ओवैसी देश का ऐसा गद्दार व्यक्ति है जो हमेशा भड़काऊ भाषण देकर लड़ाने की बात करता रहता है.
जब सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है और सर्वोच्च न्यायालय के जजमेंट पर धन्नीपुर में जो निर्माण हो रहा है उसको लेकर अगर यह प्रश्न खड़ा किया जा रहा है तो यह न्यायपालिका पर प्रश्न चिन्ह है. न्यायपालिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने का किसी को अधिकार नहीं है, यह संवैधानिक है. उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी पर रासुका लगना चाहिए. इसे सलाखों के पीछे भेजना चाहिए. क्योंकि ओवैसी हमेशा धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दो समुदायों के लड़वाने वाला बयान देता है. महंत ने कहा कि देश के मुसलमानों को ओवैसी से सावधान रहना चाहिए और उसके नफरत फैलाने वाले भाषणों से बचना चाहिए.
एक दिन पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में बनने वाली मस्जिद को लेकर एक विवादित बयान दिया था. ओवैसी ने कहा था कि मुनाफ़िक़ों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, हकीकत में वो मस्जिद नहीं बल्कि 'मस्जिद-ए-ज़ीरार' है. मुहम्मदुर रसूलुल्लाह के जमाने में मुनाफ़िक़ों ने मुसलमानों की मदद करने के नाम पर एक मस्जिद बनवाई थी. हकीकत में उसका मक़सद उस मस्जिद में नबी का खात्मा और इस्लाम को नुकसान पहुंचाना था. (क़ुरान में उसे 'मस्जिद -ए- ज़ीरार' कहा गया है). ऐसी मस्जिद में नमाज़ पढ़ना और चंदा देना हराम है.
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ओवैसी के इस बयान पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि जो 5 एकड़ जमीन मिली है, उसमें स्कूल बन रहा है, मस्जिद बन रही है या हॉस्पिटल बन रहा है. उन्होंने फतवा जारी किया और कहा कि मुसलमान उसमें नमाज ना पड़े और चंदा भी ना दें. ओवैसी ने कहा कि कौम को चाहिए कि उनकी बात का बिल्कुल ध्यान ना दें क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह काम हो रहा है.
वहीं तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि एक सांसद होकर के इस तरह का गैर जिम्मेदाराना और असंवैधानिक भाषण देना निश्चित रूप से देशद्रोह की श्रेणी में आता है. महंत ने कहा कि ओवैसी देश का ऐसा गद्दार व्यक्ति है जो हमेशा भड़काऊ भाषण देकर लड़ाने की बात करता रहता है.
जब सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है और सर्वोच्च न्यायालय के जजमेंट पर धन्नीपुर में जो निर्माण हो रहा है उसको लेकर अगर यह प्रश्न खड़ा किया जा रहा है तो यह न्यायपालिका पर प्रश्न चिन्ह है. न्यायपालिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने का किसी को अधिकार नहीं है, यह संवैधानिक है. उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी पर रासुका लगना चाहिए. इसे सलाखों के पीछे भेजना चाहिए. क्योंकि ओवैसी हमेशा धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दो समुदायों के लड़वाने वाला बयान देता है. महंत ने कहा कि देश के मुसलमानों को ओवैसी से सावधान रहना चाहिए और उसके नफरत फैलाने वाले भाषणों से बचना चाहिए.