UP News: गन्ना तुलने में हो रही देरी ने बढ़ाई पश्चिमी यूपी के किसानों की टेंशन, जानें पूरा मामला

धामपुर चीनी मिल के पास किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) के गन्ना किसानों (Sugarcane Farmer) को फसल तुलवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जोकि उनके लिए परेशानी का कारण बन रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 7, 2021, 4:15 PM IST
मुजफ्फरनगर. एक ओर किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 100 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) में प्रदर्शन में भाग नहीं ले रहे किसानों को ट्रैक्टर ट्रॉलियों में पड़े कई क्विंटल गन्ने को केवल तुलवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. कुछ गन्ना किसान (Sugarcane Farmer) मौजूदा प्रदर्शन के बारे में बातचीत करके, कुछ किसान बीड़ी और सिगरेट पीकर और पंजाबी एवं हरियाणवी गाने सुनकर अपना समय काट रहे हैं, लेकिन सभी के चेहरे पर चिलचिलाती धूप में सूख रहे उनके गन्ने को लेकर चिंता साफ नजर आती है.
धामपुर चीनी मिल से मात्र दो किलोमीटर दूर बुढाना तहसील में भोपड़ा कांटे के निकट खाली खेत में करीब 100 ट्रैक्टर ट्रॉली देखने को मिल रही हैं, जिनमें औसतन 300 क्विंटल गन्ना लदा है.यह वाहन औसतन करीब तीन दिन से गन्ना तुलवाने का इंतजार कर रहे हैं. इस बाबत कुतबा गांव के रोहित बालयान ने कहा, ‘मैं कांटे पर दो दिन से इंतजार कर रहा हूं और ऐसा लगता है कि मुझे अपनी फसल चीनी मिल ले जाने से पहले और दो दिन का इंतजार करना होगा.’
किसानों को हो रहा नुकसान
इसके अलावा रोहित बालयान ने कहा, ‘कांटे पर लंबे एवं थकाऊ इंतजार से किसानों को नुकसान हो रहा है, क्योंकि सूरज के नीचे गन्ना सूखने लगता है और जब तक गन्ना तुलवाने का नंबर आता है, जब तक वजन भी थोड़ा कम हो जाता है.’बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर की एक चीनी मिल के अधिकारी ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद वजन में केवल कुछ किलोग्राम की कमी आती है, लेकिन किसानों का तर्क है कि उनके लिए यह नुकसान बहुत बड़ा है, क्योंकि उनकी कमाई हजारों रुपये कम हो जाती है. इसके अलावा चीनी मिल मालिकों का कहना है कि किसानों ने मिलों की क्षमता से अधिक गन्ना उगाया है, जिसके कारण उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और क्षेत्र में कांटों की कमी भी इसका कारण है.
धामपुर चीनी मिल से मात्र दो किलोमीटर दूर बुढाना तहसील में भोपड़ा कांटे के निकट खाली खेत में करीब 100 ट्रैक्टर ट्रॉली देखने को मिल रही हैं, जिनमें औसतन 300 क्विंटल गन्ना लदा है.यह वाहन औसतन करीब तीन दिन से गन्ना तुलवाने का इंतजार कर रहे हैं. इस बाबत कुतबा गांव के रोहित बालयान ने कहा, ‘मैं कांटे पर दो दिन से इंतजार कर रहा हूं और ऐसा लगता है कि मुझे अपनी फसल चीनी मिल ले जाने से पहले और दो दिन का इंतजार करना होगा.’
किसानों को हो रहा नुकसान
इसके अलावा रोहित बालयान ने कहा, ‘कांटे पर लंबे एवं थकाऊ इंतजार से किसानों को नुकसान हो रहा है, क्योंकि सूरज के नीचे गन्ना सूखने लगता है और जब तक गन्ना तुलवाने का नंबर आता है, जब तक वजन भी थोड़ा कम हो जाता है.’बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर की एक चीनी मिल के अधिकारी ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद वजन में केवल कुछ किलोग्राम की कमी आती है, लेकिन किसानों का तर्क है कि उनके लिए यह नुकसान बहुत बड़ा है, क्योंकि उनकी कमाई हजारों रुपये कम हो जाती है. इसके अलावा चीनी मिल मालिकों का कहना है कि किसानों ने मिलों की क्षमता से अधिक गन्ना उगाया है, जिसके कारण उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और क्षेत्र में कांटों की कमी भी इसका कारण है.