मुजफ्फरनगर में दुल्हन सिमरन की घुड़चढ़ी देख हैरान रह गए सब.
रिपोर्ट : अनमोल कुमार
मुजफ्फरनगर. बदलते दौर में पुरानी परंपरा टूटने लगी है. आमतौर आपने अभी तक शादियों में दूल्हे को ही घोड़ी पर चढ़कर विवाह स्थल तक पहुंचते हुए देखा होगा. लेकिन अब एक दुल्हन के घोड़ी चढ़ने की तस्वीरें सामने आई हैं. मुज़फ्फरनगर में घर की इकलौती बेटी अपनी शादी में घोड़ा बग्घी पर सवार होकर निकली और सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ जमकर जश्न मनाया. दरअसल, घर में बेटा न होने के कारण बेटी की शादी में ही सभी अरमान पूरे किए गए. साथ ही लोगों को संदेश भी दिया गया कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती हैं.
आमतौर पर विवाह समारोह में चढ़त के समय दूल्हों की ही घुड़चढ़ी होती है. लेकिन मुज़फ्फरनगर जनपद के खतौली कस्बे में इस रिवाज को तोड़ा गया. बता दें कि यहां की जगत कॉलोनी के रहनेवाले पिंटू अहलावत व पूनम अहलावत की इकलौती बेटी सिमरन है. सिमरन का कोई भाई नहीं है. तो बेटे की शादी के जितने अरमान माता-पिता ने संजोये थे, उन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने सिमरन से उसकी शादी में घुड़चढ़ी करवाई. बग्गी में सवार सिमरन को देखने के लिए हुजूम उमड़ पड़ा. भीड़ गानों की धुन पर थिरक रहे थी. वहीं, परिवार और आसपास के लोगों को नाचते देख दुल्हन सिमरन भी खो को न रोक पाई और बग्गी पर बैठे-बैठे ही जमकर नाचती रही.
माता-पिता ने अपनी बेटी सिमरन को अच्छी शिक्षा दिलाई. सिमरन ने इंजीनियरिंग की और नौकरी करने दुबई चली गई. अब सिमरन के हाथ पीले कर बाबुल के आंगन से ससुराल की दहलीज पर पहुंचने की रस्म अदा की गई. दुल्हन सिमरन का कहना है कि मेरे माता पिता ने मुझे लड़के की तरह पाला-पोसा है. आज मेरी शादी में भी लड़के की तरह ही मुझसे भी घुड़चढ़ी कराई है. सिमरन ने कहा कि कभी भी लड़का-लड़की में फर्क नहीं करना चाहिए.
सिमरन के पिता पिंटू अहलावत ने बताया कि हमने कभी अपनी बेटी को बेटे से कम नहीं समझा. उसे पढ़ाया-लिखाया. बेहतर परवरिश की. अब वह दुबई में नौकरी कर रही है. हमारा कोई बेटा नहीं है. हम तो बेटी को ही बेटा मानते हैं और उसकी शादी में ही अपने सारे अरमान पूरे कर रहे हैं.
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